राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने गुरुवार को कहा कि हमारे रहते बिहार में भाजपा सत्ता में कैसे आ जाएगी। यह संभव नहीं है। उनके ऐसा कहते ही सियासत गरमा गई। भाजपा नेता और उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने अभद्र ढंग से जवाब दिया, जो उनकी तिलमिलाहट को दिखाती है। उन्होंने कहा कि लालू रहें या नहीं रहें, एनडीए की जीत होगी। उनके इस बयान पर कई लोगों ने आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि लालू रहें या न रहें, ऐसा कहने पर आपत्ति जताई जा रही है।
दिल्ली चुनाव के बाद मीडिया का एक वर्ग लगातार भाजपा के पक्ष में हवा बनाने की कोशिश कर रहा है। भाजपा के नेता दावा कर रहे हैं कि दिल्ली तो झांकी है, अब बिहार और बंगाल की बारी है। इसी संदर्भ में मीडिया के एक सवाल का जवाब देते हुए लालू प्रसाद यादव ने कहा कि उनके रहते भाजपा बिहार में सत्ता पर कब्जा नहीं कर सकती।
लालू प्रसाद के इस बयान को सांप्रदायिक शक्तियों को खुली चुनौती माना जा रहा है। राजद नेताओं के बयान भी आ रहे हैं। कह रहे हैं कि लालू यादव कभी सांप्रदायिक शक्तियों के आगे न झुके हैं और न ही झुकेंगे।
—————
डेढ़ महीने बाद बोले नीतीश, फिर वही लड़का-लड़की की बात
इधर वीआईपी के प्रमुख मुकेश सहनी ने भी आज खुल कर भाजपा के खिलाफ ताल ठोंक दी है। उन्होंने कहा कि बिहार में एनडीए का सपना पूरा नहीं होगा। प्रदेश में गठबंधन की सरकार बनेगी। इसी के साथ उन्होंने यह भी कह दिया कि तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री बनेंगे तथा वे उप मुख्यमंत्री बनेंगे। उनके इस दावे के बाद तरह-तरह की चर्चा शुरू हो गई है। माना जा रहा है कि मुकेश सहनी अगर अभी से अपने समाज को गोलबंद करना शुरू कर दें, तो भाजपा सत्ता से दूर हो जाएगी। उनका महागठबंधन के पक्ष में खुल कर बोलने को काफी अहमियत दी जा रही है।