अविभाजित बिहार के बहुचर्चित अरबों रुपये के चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर झारखंड उच्च न्यायालय में आज फिर सुनवाई टल गई, जिससे उन्हें जमानत नहीं मिल सकी।
झारखंड उच्च न्यायालय के एक वकील के निधन की वजह से राजद अध्यक्ष श्री यादव की जमानत याचिका पर आज सुनवाई नहीं हो सकी। श्री यादव की जमानत याचिका पर सुनवाई की अगली तिथि 06 दिसंबर निश्चित की गई है।
इससे पूर्व 08 नवंबर 2019 को न्यायमूर्ति अपरेस कुमार सिंह की पीठ में श्री यादव की ओर से दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में जमानत याचिका पर सुनवाई टल गई थी, जिससे उनकी जमानत की उम्मीद टूट गई। अदालत ने जमानत याचिका पर सुनवाई की अगली तिथि 22 नवंबर 2019 निश्चित की थी। लेकिन, इस दिन भी एक अधिवक्ता के निधन के कारण राजद अध्यक्ष की याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकी थी।
श्री यादव की ओर से दायर जमानत याचिका में उनकी बढ़ती उम्र और खराब स्वास्थ्य का हवाला दिया गया है। याचिका में अनुरोध किया गया है कि वह सजा की अवधि का आधा से अधिक समय जेल में बिता चुके हैं।
रांची के राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) की मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार राजद अध्यक्ष अनियंत्रित मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, क्रॉनिक किडनी डिजीज (स्टेज थ्री), फैटी लीवर, पेरियेनल इंफेक्शन, हाइपर यूरिसिमिया, किडनी स्टोन, फैटी हेपेटाइटिस और प्रोस्टेट जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं।
गौरतलब है कि श्री यादव को चारा घोटाले के देवघर कोषागार से अवैध निकासी मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने 23 दिसंबर 2017 को दोषी पाकर साढ़े तीन साल कारवास की सजा सुनाई थी। हालांकि इस मामले में झारखंड उच्च न्यायालय से उन्हें जुलाई 2019 में जमानत मिल चुकी है लेकिन दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में जमानत नहीं मिल पाने के कारण वह जेल से बाहर नहीं आ पा रहे हैं।