लोकसभा में अपनी अमर्यादित भाषा के कारण अध्यक्ष ओम बिरला विपक्ष के निशाने पर आ गए। कांग्रेस सांसद शशि थरूर हाथ में संविधान लेकर शपथ ले रहे थे। शपथ के बाद उन्होंने जय संविधान कहा। इस पर अध्यक्ष ओम बिरला ने टोका। कहा कि जब संविधान की शपथ ले ही रहे हैं, तो जय संविधान बोलने की क्या जरूरत है। इस पर पांच बार के सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने आपत्ति जताई, तो अध्यक्ष उखड़ गए। उन्होंने तू तड़ाक वाली भाषा में कहा कि सलाह मत दिया करो, चलो बैठो। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने लोकसभा अध्यक्ष के व्यवहार तथा भाषा पर गहरी आपत्ति दर्ज कराई है।
प्रियंका गांधी ने कहा कि क्या भारत की संसद में ‘जय संविधान’ नहीं बोला जा सकता? संसद में सत्ता पक्ष के लोगों को असंसदीय और असंवैधानिक नारे लगाने से नहीं रोका गया, लेकिन विपक्षी सांसद के ‘जय संविधान’ बोलने पर आपत्ति जताई गई। चुनावों के दौरान सामने आया संविधान विरोध अब नये रूप में सामने है जो हमारे संविधान को कमजोर करना चाहता है। जिस संविधान से संसद चलती है, जिस संविधान की हर सदस्य शपथ लेता है, जिस संविधान से हर नागरिक को जान और जीवन की सुरक्षा मिलती है, क्या अब विपक्ष की आवाज दबाने के लिए उसी संविधान का विरोध किया जाएगा?
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कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि अब स्पीकर महोदय को संसद में ‘जय संविधान’ कहने पर भी दिक़्क़त है! ग़ज़ब है – जिस संविधान से उनको सदन चालाना है उसी की जय होने पर आपत्ति कर रहे हैं और टोके जाने पर 5 बार के सांसद दीपेन्द्र हुड्डा से ‘तू तड़ाक’ कर रहे हैं. मान्यवर आप 41,974 से और वो 3,45,298 से जीत कर आये हैं! इसके अलावा सोशल मीडिया पर अनेक पत्रकार, लेखक तथा नागरिक लोकसभा अध्यक्ष की भाषा की आलोचना कर रहे हैं। देखना है कि विपक्ष के नेता राहुल गांधी इसे सदन में उठाते हैं या नहीं।
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