बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने दिन-दहाड़े पिछड़े-दलितों के 23 पद लूट लिये जाने पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। कहा कि बाबा साहब के संविधान के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी घिनौना मजाक कर रहे हैं। यूपीएससी ने संयुक्त सचिव, उप सचिव और निदेशक स्तर के 45 पदों की वैकेंसी का विज्ञापन निकाला है, जिसमें आरक्षण की व्यवस्था ही नहीं है। अगर इन्हीं पदों पर आईएएस की नियुक्ति होती, तो 23 पद पिछड़े, दलितों को मिलते। मोदी सरकार ने गरीब सवर्णों का हक भी लूट लिया है।
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तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा- केंद्र की मोदी सरकार बाबा साहेब के लिखे संविधान और आरक्षण के साथ कैसा घिनौना मजाक एवं खिलवाड़ कर रही है, यह विज्ञापन उसकी एक छोटी सी बानगी है। ने लैटरल एंट्री के ज़रिए सीधे संयुक्त सचिव, उप-सचिव और निदेशक स्तर की नौकरियां निकाली है लेकिन इनमें आरक्षण का प्रावधान नहीं है। अगर सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से की नियुक्ति करती तो उसे / और को आरक्षण देना पड़ता यानि में से – अभ्यर्थी दलित, पिछड़ा और आदिवासी वर्गों से चयनित होते। मोदी सरकार बहुत ही व्यवस्थित, पद्धतिबद्ध, योजनाबद्ध और शातिराना तरीके से आरक्षण को समाप्त कर रही है। विगत चुनाव में प्रधानमंत्री समेत बिहार में उनकी पिछलग्गू पार्टियाँ और उनके नेता छाती पीट-पीटकर दावा करते थे कि आरक्षण को समाप्त कर कोई उनका हक-अधिकार नहीं खा सकता लेकिन उनकी आँखों के सामने, उनके समर्थन व सहयोग के बल पर वंचित, उपेक्षित और गरीब वर्गों के अधिकारों पर डाका डाला जा रहा है तथा कथित स्वयंभू समेत उनके साथ यूपी-बिहार-झारखंड के / और नेता दुर्भाग्यपूर्ण रूप से ताली पीट ठहाके लगा रहे है। देश की फ़ीसदी आबादी का हक़ खाने वालों को जनता माफ़ नहीं करेगी। जागो “दलित-पिछड़ा-आदिवासी और गरीब सामान्य वर्ग” जागो! हिंदू के नाम पर ये आपका हक़ खा रहे है तथा आपके अधिकारों की बंदरबांट कर रहे है।
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