लोकसभा में विपक्ष का नेता कौन होगा तथा राहुल गांधी रायबरेली और वायनाड में किस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करेंगे, इस पर फैसला लेने के लिए आज कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की बैठक हुई। बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल तथा प्रियंका गांधी ने हिस्सा लिया।
विपक्ष का नेता कौन होगा और राहुल गांधी कहां से प्रतिनिधित्व करेंगे इस सवाल को हल करने के लिए कांग्रेस ने लोकतांत्रित तरीका अपनाया है। इन सवालों पर बैठक में विचार-विमर्श किया गया। जहां अन्य दलों में सुप्रीमो ऐसे निर्णय लेते हैं, वहीं कांग्रेस ने बैठक की।
अभी तक जो जानकारी मिल रही है कि उसके अनुसार राहुल गांधी विपक्ष के नेता पद के लिए तैयार नहीं हैं। हालांकि लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में सर्वसम्मति से राहुल गांधी को विपक्ष का नेता स्वीकार किया गया। साथ ही इस संबंध में राहुल गांधी पर फैसला छोड़ दिया गया। खबरों के अनुसार राहुल गांधी सड़क की राजनीति करना चाहते हैं। वे फिर से जनता के बीच जाने की योजना बना रहे हैं। उत्त्र प्रदेश में अखिलेश यादव के साथ उनकी कई धन्यवाद सभाएं हैं, जिसमें अयोध्या भी शामिल है। राहुल गांधी उत्तर प्रदेश के महत्व को जानते हैं। 2027 में विधानसभा चुनाव तक वे इंडिया गठबंधन की लय और जोश को कम नहीं करना चाहते। वे जनता के मुद्दे पर नया अभियान छेड़ेंगे।
लोकसभा में विपक्ष के नेता पद के लिए राहुल तैयार नहीं हैं और इस पद के लिए दो नामों की चर्चा अधिक है। केरल से सांसद शशि थरूर तथा असम के सांसद गौरव गोगोई। शशि थरूर कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ चुके हैं। वे देश के मध्य वर्ग में खासे लोकप्रिय हैं। वहीं गोगोई ने पिछले दिनों संसद में मणिपुर पर धारदार तरीके सं मोदी सरकार को घेरा था और अपनी क्षमता प्रदर्शित की थी।
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उधर उनके रायबरेली से सांसद रहने तथा वायनाड सीट छोड़ने की संभावना जताई जा रही है। वायनाड से प्रियंका गंधी कांग्रेस की प्रत्याशी बन सकती है। इस प्रकार उनके संसद में प्रवेश का माध्यम वायनाड बन सकता है।