JNU में फिर वामपंथियों ने चटाया दक्षिणपंथियों को धूल, आईशी घोष ने जीता अध्यक्ष पद

JNU में फिर वामपंथियों ने चटाया दक्षिणपंथियों को धूल, आईशी घोष ने जीता अध्यक्ष पद

देश के प्रमुख विश्वविद्यालय में एक जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संगठन में एक बार फिर से लाल झंडा लहरा गया है। यहां की चारों सीटों पर वामपंथी पार्टियों के उम्मीदवारों ने कब्जा कर लिया है ।

शिवानंद गिरि

 

रुझानों के मुताबिक यूनाइटेड चैनल के आईशी घोष ( एसएफआई )जेएनयूएसयू की नई अध्यक्ष होंगी ।तो क्या आपको पता है कि आखिर कौन और कहाँ की है आईशी घोष,कैसे उसने सफ़र तय किया धनबाद से दिल्ली का।

JNU के अध्यक्ष समेत चारों सीट पर कब्जा

आईशी घोष धनबाद के रहने वाली हैं ।इनकी प्रारंभिक शिक्षा धनबाद में हुई ।स्कूली शिक्षा के लिए दुर्गापुर के डीएवी मॉडल पब्लिक स्कूल पढ़ाई में अव्व्ल रहने वाली आईशी घोष स्कूल मे ही अपनी बहुमुखी प्रतिभा के कारण कई पुरस्कारों को हासिल कर स्कूल का भी नाम रोशन किया ।उच्च शिक्षा के लिए वह दिल्ली का रुख की और दिल्ली विश्वविद्यालय के दौलतराम कॉलेज में दाखिला 2013 में लिया ,वहां से डिग्री हासिल करने के बाद 2016 में जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में इंटरनेशनल रिलेशन में एम ए में दाखिला लिया। 2017 में वह फिर एम फिल में जेएनयू में ही दाखिला ली। इसी दौरान छात्रसंघ की गतिविधियों में गहरी दिलचस्पी ओजस्वी नेतृत्व क्षमता के कारण उन्हें जेएनयूएसयू का संयोजक बना दिया गया ।इसीक्रम मे वह अपने इस सफर में कूछ नौकरी भी की। इस साल चुनाव में संयुक्त वामपंथी मोर्चा ने उन्हें अध्यक्ष के उम्मीदवार के तहत उतारा जिसमें वह न सिर्फ खरी उतरी बल्कि चारों सीटों पर कब्जा कर यह साबित कर दिया कि उनमें नेतृत्व क्षमता कूट- कूट कर भरी हुई है ।झारखण्ड की इस बेटी ने यह पद पाकर धनबाद का भी नाम रौशन कर दिया है।

गौरतलब है कि यूनाइटेड लेफ्ट पैनल ने हर सीट में बड़े अंतर से बाजी मारी है। प्रेजिडेंट पोस्ट लेफ्ट की आईशी घोष को 2313 वोट मिले। आईशी ने एबीवीपी के मनीष जांगिड़ को 1128 से पीछे किया। आखिरी रुझान के हिसाब से बापसा के जितेंद्र सुना को 1122 वोट मिले थे। एनएसयूआई के प्रशांत कुमार 761, आरजेडी की प्रियंका भारती 156 वोट और इंडिपेंडेंट कैंडिडेट राघवेंद्र मिश्र 53 वोटों पर थे। नोटा 115 थे। वाइस प्रेजिडेंट पोस्ट लेफ्ट के साकेत मून ने जैसे पहले ही कब्जा कर लिया था। आखिरी रुझान तक उन्हें 3365 वोट मिले और एबीवीपी की श्रुति अग्निहोत्री 1335 वोटों थी।

सेक्रेटरी पोस्ट पर लेफ्ट के सतीश चंद्र यादव (2518 वोट) ने बाजी मारी। आखिरी रुझान तक एबीवीपी के सबरीश पीए (1355) उनके पीछे थे। इनके ठीक पीछे बापसा के वसीम आरएस 1232 वोटों के साथ थे। नोटा 520 थे। जॉइंट सेक्रेटरी पर लेफ्ट के मोहम्मद दानिश ने अपनी जीत फाइनल रिजल्ट के पहले ही तय की। उन्हें 3295 वोट मिले थे। एबीवीपी के सुमांता कुमार साहु को 1508 वोट मिले। नोटा 600 से ऊपर पड़े।

शुक्रवार को दो स्टूडेंट्स की याचिका पर हाई कोर्ट ने रिजल्ट के ऐलान पर 17 सितंबर तक रोक लगा दी थी। इस पर देर रात सभी यूनियंस के साथ मीटिंग कर जेएनयू इलेक्शन कमिटी ने तय किया कि वे रुझानों के साथ रिजल्ट जारी करेंगे, मगर फाइनल रिजल्ट का ऐलान नहीं करेंगे। हालांकि, स्टूडेंट्स का कहना है कि प्रशासन की ओर से काउंटिंग रुकवाने की कोशिश भी की गई, मगर प्रशासन सफल नहीं हो पाया। स्टूडेंट्स का कहना था कि हाई कोर्ट ने काउंटिंग पर रोक नहीं लगाई है।

By Editor


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