JDU को झिड़की देने वाले चिराग का तेवर क्यों पड़ा ठंडा?
जदयू से अलग होने की झिड़की देने वाली लोजपा की आज की कोर कमेटी की बैठक कुछ खास नहीं साबित नहीं हुई.
चिराग पासवान की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में, माना जा रहा था कि वह कुछ अहम फैसला लेंगे. लेकिन अंत में मीटिंग इस बात पर खत्म हो गयी कि जदयू के साथ चुनाव लड़ने के मामले में चिराग बाद में फैसला लेंगे. हालांकि इस बैठक में अनेक नेताओं ने यह आवाज उठाई कि नीतीश कुमार से राज्य की जनता नाराज है. और वह राज्य में कोई सुधार लाने में कामयाब नहीं हुए हैं. लिहाजा लोजपा को अलग रास्ता अपनाना चाहिए.
लोजपा की कोर कमेटी की बैठक तब हुई है जब आज ही नीतीश कुमार ने वर्चुअल रैली की. चिराग पासवान ने अपनी पार्टी के नेताओं की बातों को गौर से सुना लेकिन आगामी रणनीति का कोई खुलासा नहीं कर सके.
वहीं हिंदुस्तान अवाम मोर्चा के एनडीेए में शामिल होने के मामले में चिराग ने इतना जरूर कहा कि जीतन राम मांझी के खिलाफ पार्टी का कोई नेता किसी तरह का बयान नहीं देगा. वह परिवार के आदमी हैं. हालांकि पिछले दिनों जीतन राम मांझी ने कहा था कि अगर चिराग ने नीतीश कुमार पर टिप्पणी करना जारी रखा तो वह इसका खुल कर जवाब देंगे.
चिराग पासवान आने वाले दिनों में कोई फैसला लेंगे लेकिन यह माना जा रहा है कि वह अपनी पार्टी के प्रत्याशियों को यह कह चुके हैं कि जदयू के खिलाफ उनका उम्मीदवार उतरेगा, जबकि भाजपा के खिलाफ उनकी पार्टी उम्मीदवार खड़ेे नहीं करेगी.
कुछ जानकारों का कहना है कि चिराग पासवान की मुलाकात जब तक भाजपा नेता अमित शाह से नहीं हो जाती तब तक वह अपनी अगली रणनीति का ऐलान नहीं करेंगे.
LJP यह उम्मीद कर रही है कि जल्द ही चिराग पासवान और अमित शाह की मीटिंग होगी तभी कोई अंतिम फैसला लिया जायेगा.