चिराग के सांसद पद से इस्तीफे की चर्चा, NDA छोड़ने की तैयारी

बिहार चुनाव से पहले लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan) सांसद पद से इस्तीफा दे सकते है. लोजपा के NDA (National Democratic Alliance) से अलग होकर अकेले चुनाव लड़ने की भी प्रबल सम्भावना है.

बिहार विधान सभा चुनाव आते ही सियासी उलटफेर के संकेत मिलने लगे है. जैसे जैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक दुसरे की तारीफ की उससे भाजपा और जदयू की तल्ख़ी कम होने के संकेत मिले। हाल ही में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोजपा अध्यक्ष चिराग की प्रेशर पॉलिटिक्स पर कहा कि “कोई खास बात नहीं” है. जिससे इस बात के संकेत मिलते है कि NDA में लोजपा के अलग होने की स्थिति में प्लान बी तैयार कर लिया है.

जदयू के दो वरिष्ठ नेता आरसीपी सिंह व राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने बुधवार को भाजपा के बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव से मुलाकात की थी. जिसमे NDA गठबंधन में सीट बटवारे को लेकर चर्चा हुई. विश्वस्त सूत्रों के अनुसार मीटिंग में लोजपा को 25 सीटें देने पर चर्चा हुई. इससे पहले लोजपा के वरिष्ठ नेता सूरजभान सिंह ने NDA में रहते हुए 36 सीटों से कम पर समझौता नहीं करने की बात कही थी. उन्होंने संकेत दिए थे कि इससे कम सीटों पर हमें NDA में रहकर चुनाव लड़ना मंज़ूर नहीं है. बता दें कि लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान NDA गठबंधन में 42 सीटें चाह रहे थे. चिराग ने NDA से अलग होने की स्थिति में 143 विधान सभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रखी है.

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याद दिला दें कि लोक जनशक्ति पार्टी ने फरवरी 2005 के बिहार विधान सभा चुनाव में भी NDA से अलग होकर चुनाव लड़ी थी. जिसमे LJP ने 178 सीटों पर चुनाव लड़ा था जिसमे से 29 सीटों पर जीती थी. इसके बाद रामविलास पासवान बिहार में ‘किंगमेकर’ बन कर उभरे थे. ऐसा माना जाता था कि बिहार में सत्ता की चाभी रामविलास के पास है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि 2020 में भी ऐसा संभव है.

एनडीए में यह तय हो गया है कि जदयू बड़ी पार्टी होगी. लोजपा पर जदयू की ओर से कहा गया कि 2010 के विधानसभा चुनाव में एनडीए के दो ही घटक थे. एक जदयू जिसे 141 सीटें मिली थीं और दूसरा भाजपा जिसके हिस्से बाकी 102 सीटें आयी थीं. इस बार लोजपा भी शामिल है. जदयू नेता केसी त्यागी ने भी कहा था कि जदयू का गठबंधन भाजपा के साथ है न कि लोजपा के साथ. हमें लोजपा के साथ चुनाव लड़ने का कोई अनुभव नहीं है.

चिराग की अकड़ हुई ढीली, अब 36 सीटें मांग रही लोजपा

NDA के आलावा महागठबंधन में भी सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. RLSP प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने आज एक महत्वपूर्ण बैठक करने वाले है जिसमे महागठबंधन से अलग होकर NDA में शामिल होने का ऐलान संभव है. आज कुशवाहा पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राज्य कार्यकारिणी के साथ ही राष्ट्रीय, प्रदेश के सभी पदाधिकारियों, जिलाध्यक्षों के साथ बैठक करेंगे और अपने फैसले का ऐलान करेंगे.

आरएलएसपी के प्रधान महासचिव माधव आनंद ने बयान दिया कि महागठबंधन आईसीयू में चला गया है. आईसीयू में जाने के बाद बातचीत भी सही से नहीं होता है. कुशवाहा ने भी हाल ही में कहा था महागठबंधन में सीट बटवारे में देरी हो रही है.

चिराग पासवान ने फिलहाल अपने पिता एवं केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की तबियत को देखते हुए पार्टी की गतिविधियां रोक दी है. पार्टी के सूत्र आशंका जाता रहे है कि अगर कुशवाहा NDA में आते है तो उनके पास अकेले चुनाव लड़ने के सिवा कोई रास्ता नहीं होगा। नेतागण 2005 बार चुनाव का हवाला देकर इस बात की भी सम्भावना जाता रहे है कि लोजपा अकेले चुनाव लड़ने की स्थिति में भी सीटें जीत सकती है.

By Editor


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