लोगों को टीका न देना भारत माता के सीने में खंजर घोंपना : राहुल
राहुल ने फरवरी, 2020 में कहा था कोरोना खतरनाक है, मोदी सरकार गंभीर नहीं है। मार्च, 2020 में कहा, आर्थिक सूनामी आएगी, तब भी सत्ता ने मजाक उडाया। फिर चेताया।
कुमार अनिल
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने फिर कही बड़ी बात। कहा- मोदी सरकार की ज़ीरो वैक्सीन नीति भारत माता के सीने में ख़ंजर का काम कर रही है। दुखद सच। राहुल के ट्विट करते ही सोशल मीडिया में यह खबर सुर्खियों में आ गई। राहुल पहले भी कह चुके हैं कि मोदी सरकार के टीकाकरण अभियान का हाल कहीं नोटबंदी जैसा न हो।
राहुल गांधी ने जिन शब्दों का चुनाव किया है, वह महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा टीका नहीं देना भारत माता के सीने में खंजर घोंपना है। भारत माता कोई अमूर्त नहीं है। भारत माता का अर्थ है देश की जनता, खासकर किसान-मजदूर-गरीब, जो हर तरह से वंचित हैं। उन्हें टीका नहीं मिल रहा है। राहुल ने भारत माता कहकर भाजपा पर निशाना साधा है। भाजपा के वैचारिक नारे पर सवाल उठाया है।
रोज-ब-रोज टीका केंद्र बंद हो रहे हैं। 18 प्लस का टीकाकरण लगभग बंद है। पटना में छह दिनों से इस आयु वर्ग के लोगों को टीका नहीं दिया जा रहा है। कारण-टीका खत्म हो गया है। जहां पिछले साल मई से ही विभिन्न देश टीके का ऑर्डर दे रहे थे, वहीं भारत सरकार सोई रही। ब्राजील तक ने पिछले साल ही ऑर्डर दे दिया, जबकि भारत सरकार ने इस वर्ष ऑर्डर किया।
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जब राहुल गांधी ने विदेश से टीका मंगाने की बात की, तब भी उन्हें गालियां दी गईं। अब केंद्र सरकार राज्यों को कह रही है कि वे खुद विदेश से खरीदें। विदोशी कंपनियां राज्यों को टाका देने के लिए तैयार नहीं हैं।
हाल में राहुल गांधी ने पत्रकारों से बात करते हुए सबसे ज्यादा जोर टीके पर दिया था। कहा था कि लॉकडाउन, दो गज दूरी, मास्क-ये सभी तात्कालिक बचाव के उपाय हैं। समस्या का समाधान नहीं हैं। कोरोना से स्थायी बचाव केवल वैक्सीन ही दे सकता है। अगर टीकाकरण में देर हुई, तो कोरोना अपना रूप फिर बदल लेगा और तीसरी लहर ही नहीं, चौथी, पांचवीं लहर भी आएगी। देश पहले ही तबाह है, सबको जल्द टीका नहीं दिया गया, तो संभालना मुश्किल हो जाएगा।
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कांग्रेस शुरू से मोदी सरकार की टीकाकरण नीति पर सवाल उठाता रहा है। एक देश में तीन तरह की कीमत क्यों है? अमेरिका सहित विकसित देशों में बिना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के टीका दिया जा रहा है, सबको मुफ्त दिया जा रहा है और हर देश की केंद्र सरकार टीका दे रही है, पर भारत जैसे पिछड़े देश में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन का क्या तुक है। दो-दो हजार रुपए लेकर प्राइवेट में टीका दिया जा रहा है, पर बगल में सरकारी केंद्र पर टीका नहीं है का बोर्ड लगा है।