इलेक्टोरल बांड के खुलासे के बाद आए तूफान के बीच कल शनिवार को लोकसभा चुनाव की घोषणा हो सकती है। राजनीतिक हलकों में अचानक गतिविधियां तेज हो गई हैं। कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों ने शुक्रवार को इलेक्टोरल बांड को लेकर भाजपा पर जम कर हमला किया। वहीं इंडिया गठबंधन और एनडीए में सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप देने के लिए गतिविधिया तेज हो गई हैं।
बिहार में एनडीए में अब तक सीटों के बंटवारे में पेंच फंसा हुआ है। रालोजपा के प्रमुख पशुपति पारस ने कल संसदीय बोर्ट की बैठक की थी। आज फिर उनकी बैठक है। रालोजपा प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल ने शनिवार को कहा कि भाजपा ने उनके साथ अन्याय किया है। यह भी कहा कि उनके लिए सारे विकल्प खुले हुए हैं। एक दो दिनों में साफ हो जाएगा कि पारस खेमा स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ता है या उसका इंडिया गठबंधन से किसी प्रकार का कोई समझौता होता है। फिलहाल खबरों के मुताबिक पारस खेमे को एनडीए में एक भी सीट नहीं मिल रही है। उन्हें राज्यसभा में भेजे जाने का प्रस्ताव है। अब तक जो तानकारी मिल रही है उसके अनुसार भाजपा 17, जदयू 16, चिराग पासवान को पांच तथा जीतनराम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा को एक-एक सीट मिल रही है।
इलेक्टोरल बांड खुलासे के बाद BJP के नीचे से जमीन खिसकी
इधर इंडिया गठबंधन में भी सीटों के बंटवारे का मामला अंतिम रूप से फाइनल नहीं हुआ है। हालांकि खबरों के मुताबिक सबको एडजस्ट करने की कोशिश हो रही है और कोई दल गठबंधन से बाहर जाने की स्थिति में नहीं है। कांग्रेस को छह या सात सीटें, माले को दो सीटें, सीपीआई को एक सीट तथा शेष 29-30 सीटों पर राजद प्रत्याशी उतारेगा। सीपीआई को बेगूसराय सीट मिल सकती है। वहीं माले को आरा तथा काराकाट, पाटलिपुत्र और सीवान में से कोई एक सीट मिल सकती है। कांग्रेस को कटिहार, किशनगंज, सासाराम मिलना तय माना जा रहा है। इसके अलावा औरंगाबाद, मोतिहारी, मुजफ्फरपुर में से कुछ सीटें मिल सकती हैं।
पप्पू यादव पूर्णिया से चुनाव लड़ने का एसान कर चुके हैं। वही एक सीट पर स्पष्ट फैसला नहीं हुआ है। क्या कांग्रेस उन्हें अपने कोटे से एक सीट देगी या वे निर्दलीय लड़ेंगे यह देखना है।