प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दरभंगा में दो दिन पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सुशासन की तारीफ की और अब उसी दरभंगा में जदयू के मंत्री ने कहा कि अधिकारी उनसे बात नहीं करते, उनके पास फाइलें नहीं भेजी जातीं। इसीलिए हार कर उन्होंने पटना छोड़ दिया। जब फाइल ही नहीं आती तो दफ्तर जाने का क्या मतलब रह जाता है। ये मंत्री हैं मदन सहनी। वे समाज कल्याण मंत्री हैं। उनके खुलासे के बाद राजद ने अति पिछड़ा समाज से आने वाले मंत्री के उपेक्षा की असल वजह बता दी।

बिहार सरकार के समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने कहा कि विभाग की अपर मुख्य सचिव हरजोत कौर उनसे कोई राय-मशविरा नहीं करतीं। मेरे पास दो महीने से कोई फाइल नहीं भेजी जा रही है। यहां तक आसरा गृह कांड की खबर भी विभाग ने नहीं दी। कांड की जानकारी उन्हें मीडिया से मिली। मालूम हो कि आसरा गृह में रहने वाली दो लड़कियों की कथित फूड प्वाइजनिंग के कारण मौत हो गई। कई लडकियां अस्पताल में भर्ती हैं। पत्रकारों ने जब मंत्री से इस संबंध में सवाल किया, तो जवाब में मंत्री ने शासन की स्थिति की पोल खोल दी।

इस बीच राजद ने कहा कि फिर से नए शेल्टर होम कांड की आहट है। आसरा गृह में लड़कियां मर रही हैं। मुख्यमंत्री पांव पर गिर कर गिड़गिड़ा रहे हैं। मंत्री नाराज होकर मुंह फुला कर घर छोड़ कर भाग रहे हैं। अफसर अपने मंन की चला रहे हैं। अपराधी सबको डरा रहे हैं। मीडिया वाले इसे सुशासन बता रहे हैं।

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याद रहे जब नीतीश कुमार राजद के साथ थे, तब भी उनके अधिकारी राजद के मंत्रियों के पास फाइल नहीं भेजते थे। शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने तब मंत्री कार्यालय जाना छोड़ दिया था। नीतीश कुमार  के कथित सुशान मॉडल में मंत्रियों पर नहीं, अधिकारियों पर भरोसा किया जाता रहा है।

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By Editor


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