मदरसा अजीजिया जलाने में BJP MLA पर आरोप, जांच की मांग
बिहारशरीफ में सवा सौ साल पुराने मदरसा अजीजिया की लाइब्रेरी में लकड़ी की 25 अलमारियों में 4500 किताबें थीं। सब राख कर दी गईं। BJP MLA पर आरोप, जांच की मांग।
इर्शादुल हक, संपादक, नौकरशाही डॉट कॉम की ग्राउंड रिपोर्ट
बिहारशरीफ में दंगाइयों ने सवा सौ साल पुरानी लाइब्रेरी को राख कर दिया। इसमें सौ-दो सौ साल पुरानी किताबें थीं। ये किताबें लकड़ी की 25 अलमारियों में रखीं थीं। अन्य अलमारियों में भी पुस्तकें थीं। 31 मार्च को रामनवमी जुलूस के दौरान दंगाइयों ने शराब की बोतल में पेट्रोल भर कर फेंका और आग लगा दी। यहां कई लोगों ने स्थानीय भाजपा विधायक सुनील कुमार की भूमिका पर सवाल उठाए। उन पर दंगा और हमले के लिए उकसाने के आरोप लगाए और राज्य सरकार से जांच की मांग की।
#Biharaharif के मदरसा को जला देने की वह कहानी जिसकी पूरी सच्चाई बताई नहीं गई।#GobackModi pic.twitter.com/lyosf3E7ol
— Irshadul Haque (@IrshadulHaque9) April 7, 2023
नौकरशाही डॉट कॉम के संपादक को मदरसा अजीजिया के केयर टेकर मो. शमीम ने बताया कि रामनवमी के दिन मदरसा के सामने छह महिला पुलिस कर्मी नियुक्त थीं। दंगाई अपने साथ शराब की बोतलों में पेट्रोल भर कर लाए थे। उन्होंने लाइब्रेरी पर ये बोचल फेंके, फिर आग लगा दी। लाइब्रेरी रात भर जलती रही। दूसरे दिन तक जलती रही। जब सब कुछ राख हो गया, तो दमकल आया।
जो किताबें जला दी गईं, वे मानव इतिहास का बेशकीमती खजाना थीं। इनमें हाथ से लिखी सैकड़ों की संख्या में किताबें थीं। हाथ से लिखी कुरान, हाथ से लिखी हदीस थीं। दंगाई मेन गेट तोड़कर अंदर घुस गए। अंदर लाइब्रेरी की रखवाली में नेपाली कर्मी था, उसे भी पीटा गया। वह जान बचा कर किसी तरह भागा।
#बिहारशरीफ से हो आया हूँ।मदरसा अजीजिया को राख में बदलने के लिए बजरंगियों को प्रशिक्षित किया गया। शराब की बोतलों में पेट्रोल और ज्वलनशील तरल को कैसे और कहां पटकना है, सब समझाया गया।प्रशिक्षण में बड़ी भूमिका विधायक सुनील @drsunilmla कुमार की बताई जाती है।कई अफसर सुनील
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जारी.. pic.twitter.com/rRdHdXNdJi
1981 के दंगे में भी लाइब्रेरी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा था। यहां शाद अहमद ने बताया कि स्थानीय भाजपा विधायक डॉ. सुनील कुमार पर दंगा भड़काने में नाम आ रहा है। बिहार सरकार उनकी भूमिका की जांच करे।
मो. शाकिर कासिम, प्रिंसिपल इंचार्ज ने बताया कि इस लाइब्रेरी की स्थापना 1896 में हुई थी। दान देने के लिए मशहूर महिला बीबी सोगरा ने अपने पति अब्दुल अजीज की याद में इसकी स्थापना की थी। जब 1920 में मदरसा बोर्ड की शुरुआत हुई, उसके बाद मदरसा अजीजिया भी मदरसा शम्सुल होदा की तरह एक सरकारी मदरसा हो गया।
जिसने रामनवमी जुलूस में शरबत पिलाया, उस पर तलवार से हमला
नौकरशाही डॉट कॉम को यहीं मिले अकबर हुसैन आजाद। वे अंजुमन मुफुद इस्लाम तथा मुरादपुर मस्जिद कमेटी के सचिव है। कब्रिस्तान कमेटी से भी जुड़े हैं। जिला प्रशासन द्वारा बनी पीस कमेटी के सदस्य हैं। वे उस दिन लगातार रामनवमी जुलूस में आनेवाले लोगों को शरबत पिला रहे थे। इलाके में उनकी सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में पहचान है। अचानक शाम को एक झुंड आया और जबरदस्ती जयश्रीराम का नारा लगाने के लिए दबाव बनाने लगा। फिर जुलूस में शामिल अन्य लोगों ने उन्हें हटाया। वे आगे बढ़ गए। फिर अचानक उधर से पत्थरबाजी होने लगी। हम हाथ उठा कर खड़े हो गए। कहने लगे कि क्या बात है, बताइए। क्यों पत्थर फेंक रहे हैं। इसी बीच भीड़ ने उन लोगों पर हमला बोल दिया। उन पर तलवार से हमला किया गया। सिर पर दर्जनों टांके लगे हैं। पीठ में, पंखुड़े में तलवार से हमला हुआ। वे गिर पड़े। किसी तरह जान बचाई। अस्पताल जाना चाहा, पर बार-बार फोन करने पर भी एंबुलेंस नहीं आई। दूसरे दिन सुबह आठ बजे एंबुलेंस आई, तब मेरा इलाज हो सका।
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Haque Ki Baat में देखिये बिहारशरीफ से ग्राउंड रिपोर्ट- रामनवमी शोभा यात्रियों को शरबत पिलाने वाले 70 वर्षीय अकबर हुसैन को बलवाइयों ने जय श्रीराम का नारा नहीं लगाने पर तलवार से हमला किया। पूरी कहानी अकबर हुसैन की जुबानी#देश_का_PM_अनपढ़_है pic.twitter.com/OM1I1CgMhB
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