मुजफ्फरपुर और उसके आसपास के जिलो में चमकी बुखार (एक्यूट एन्सेफलाइटिस सिंड्रोम-एईएस) के कारण सौ से अधिक बच्चों की मौत को लेकर एक सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के खिलाफ दायर याचिका पर आज यहां की एक अदालत ने जांच के आदेश दिये।
मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सूर्यकांत तिवारी की अदालत ने याचिका पर संज्ञान लेते हुए यह आदेश दिया है। साथ ही अदालत ने मामले को अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी रिचा भार्गव की अदालत में स्थानांतरित कर दिया। इससे पूर्व 17 जून को जिले के अहियापुर थाना क्षेत्र के शेखपुर गांव निवासी एवं सामाजिक कार्यकर्ता तमन्ना हाशमी ने एईएस से 100 से अधिक बच्चों की हुई मौत हो लेकर डॉ. हर्षवर्द्धन और श्री पांडेय के खिलाफ याचिका दाखिल की थी। अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए आज की तिथि निर्धारित की थी।
श्री हाशमी ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि डॉ. हर्षवर्द्धन और श्री पांडेय की अनदेखी के कारण मुजफ्फरपुर एवं उसके आसपास के जिलो में करीब 100 बच्चों की मौत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि एईएस को लेकर आज तक शोध-कार्य नहीं किये गये।