बिहार विधान सभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा है कि महागठबंधन अटूट है और जनता के मुद्दों पर संघर्ष करता रहेगा।
आज पटना में महागठबंधन के घटक दलों राजद, कांग्रेस, रालोसपा, हम, वीआईपी पार्टी के नेताओं की बैठक में उन्होंने कहा कि यह गठबंधन आवाम के सरोकारों को उसकी समेकित पूर्ति के लिए था और हम अपनी सामूहिक जिम्मेवारी को भली भांति समझते हैं। राजद नेता ने कहा कि हम सब का यह मानना है कि गरीब गुरबा, पिछड़ा, दलित, वंचित समाज और युवाओं के सरोकारों से मौजूदा केंद्र और राज्य की सरकार को रत्ती भर भी परवाह नहीं है।
बैठक में तेजंस्वी यादव के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी, रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा, वीआईपी के नेता मुकेश सहनी, राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे समेत महागठबंधन प्रमुख नेता शामिल थे।
इन नेताओं ने कहा कि हम तमाम दलों के लिए हमारी राजनीति सिर्फ चुनाव लड़ने और सीटों के बंटवारे का नाम नहीं है। हमारी समकालीन राजनीति का ताल्लुक सर्वप्रथम इस बात से है कि किस प्रकार इस मौजूदा संकट की घड़ी से राज्य और देश को निकाला जाए। अर्थव्यवस्था आज़ादी के बाद के सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। नेताओं ने कहा कि बेरोजगारी हर घर में दस्तक दे चुकी है, असंगठित क्षेत्र और किसानी लहूलुहान है। सदियों से स्थापित गुरु रविदास के मंदिर को तोड़ा जा रहा है। ग़रीबों की रोज़ी-रोटी और आशियाने को उजाड़ा जा रहा है। आरएसएस एवं बीजेपी सरकार संविधान और आरक्षण को समाप्त करने की साज़िश रच रही है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने मंशा भी ज़ाहिर की है।
इन नेताओं ने कहा कि महागठबंधन के तमाम सहयोगी दल इस बात से भलीभांति परिचित हैं कि मौजूदा दौर में राजनीति के स्वरूप और चरित्र को बदलना भी हमारी जिम्मेदारी है। राज्य और राष्ट्र को एक वैकल्पिक लोकन्मुख राजनीति का का तेवर दिया जाए ये हम सबों का भरोसा है। हमारा गठबंधन सिर्फ नेताओं के बीच का गठबंधन नहीं, बल्कि समाज के हाशिये पर पड़े लोगों का हाथ पकड़ कर चलने की प्रतिबद्धता का दूसरा नाम है। आज की इस बैठक में हमने यह निर्णय लिया है आने वाले दिनों में हम जनसंघर्षों के माध्यम से जन सरोकार के मुद्दों पर राज्य भर में लोगों को शिक्षित और जागरूक करने के साथ शांतिपूर्ण संघर्ष में उनके सहभागी होंगे।