महागठबंधन की मानव श्रृंखला के क्या होंगे छह व्यापक प्रभाव
गांधी के शहादत दिवस पर महागठबंधन की मानव श्रृंखला कामयाब रही। लाखों लोंगों ने हिस्सा लिया। आइए, जानते हैं इस आंदोलन के छह व्यापक प्रभाव।
कुमार अनिल, पॉलिटिकल एडिटर, नौकरशाही डॉट कॉम
आज ठंड और शीतलहर के बावजूद महागठबंधन की मानव श्रृंखला सफल रही। खास बात यह कि इसमें शामिल होनेवाले लोग स्वेच्छा से शामिल हुए। महात्मा गांधी के शहादत दिवस पर बिहार में महागठबंधन ने किसान आंदोलन के समर्थन में मानव श्रृंखला बनाई। महागठबंऩ की मानव श्रृंखला छह मायनों में सफल रही।
पहला
देश में पक्ष-विपक्ष के चुनावी गठबंधन बनते रहते हैं, लेकिन अरसे बाद देखा गया कि बिहार में राजद के नेतृत्व में चुनाव से पहले बना महागठबंधन न सिर्फ चुनाव के बाद भी कायम है, बल्कि वह सड़क पर उतरा। इस कार्यक्रम ने विपक्ष को एकजुट होने का मौका दिया। चुनाव की एकता से कहीं मजबूत होती है, जनता के मुद्दों पर बनी एकता। संघर्ष की एकता। मानव श्रृंखला से मजबूत हुई यह एकता आनेवाले दिनों में राज्य में सत्ता पक्ष को अधिक मजबूती से चुनौती देगी। संभव है, जल्द ही अन्य मुद्दों पर भी महागठबंधन सड़क पर उतरे।
दूसरा
महागठबंधन ने किसानों के मुद्दे पर भाजपा को घेरा। महागठबंधन ने इस कार्यक्रम से भाजपा के खिलाफ जनभावना तैयार की। मानव श्रृंखला के जरिये भाजपा और केंद्र की मोदी सरकार को किसान विरोधी साबित करने की कोशिश।
तीसरा
महागठबंधन ने राज्य के मुख्यमंत्री पर भी सवाल उठाए कि दिल्ली में किसानों पर इतना दमन हो रहा है, इसके बावजूद वे चुप क्यों हैं।
चौथा
बिहार के किसानों का मुद्दा पहली बार सामने आया। एपीएमसी मंडी व्यवस्था को जदयू-भाजपा सरकार ने 2006 में समाप्त कर दिया था। भाजपा के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार सरकार ने मंडी व्यवस्था को भंग कर किसानों को एक जगह उपज बेचने की बाध्यता समाप्त की। आने वाले दिनों में जदयू-भाजपा और महागठबंधन में मंडी व्यवस्था को लेकर बहस हो सकती है। विपक्ष सवाल कर सकता है कि कहा गया कि मंडी खत्म होने से किसान किसी भी प्रदेश में उपज बेच सकते हैं। तो क्या बिहार के किसान दूसरे प्रदेशों में अधिक कीमत पर उपज बेच पा रहे हैं?
पांचवां
दिल्ली के किसानों को मानव श्रृंखला के जरिये बड़ी ताकत देने में सफल रहा महागठबंधन। दिल्ली में किसानों को देशद्रोही साबित करने की कोशिश की जा रही है। किसान नेता आरोप लगा रहे हैं कि स्थानीय के नाम पर भाजपा समर्थक अपराधियों ने हमला किया। मानव श्रृंखला के बाद किसानों को देशद्रोही कहनेवाले को विपक्ष जवाब देगा।
छठा
मानव श्रृंखला महात्मा गांधी के शहादत दिवस पर होने से गांधी का सत्याग्रह, गांधी की दृढ़ता, सर्वधर्म समभाव जैसे विचारों को बल मिला है। सोशल मीडिया पर कुछ लोग गोडसे के पक्ष में बोल रहे हैं, उन्हें महागठबंधन ने इस कार्यक्रम से जवाब दिया है।
38 जिले, 243 विधान सभा व तमाम प्रखंडों में मानव शृंखला में कूदे लोग