बिहार चुनाव : महागठबंधन ने मार ली बाज़ी, एनडीए में अभी भी दंगल

शाहबाज़ की इनसाइड पोलिटिकल स्टोरी

बिहार चुनाव के लिए पहले दौर का नामांकन प्रारम्भ हो चूका है लेकिन एनडीए (National Democratic Alliance) गठबंधन में अभी तक सीट शेयरिंग को लेकर सहमति नहीं बन पायी है. प्रमुख दलों के अड़ियल रवैय्ये के कारण राजनीतिक नेतृत्व एवं वार्ताकारों को इसे सुलझाने में एड़ी-चोटी का ज़ोर लगाना पड़ रहा है.

ताज़ा जानकारी के अनुसार महागठबंधन में कांग्रेस (INC) को 68 सीटें, सीपीआईएमएल (CPI-ML) को 19 सीटें मिल सकती है. वही अन्य वाम दल जैसे सीपीआई और सीपीएम को संयुक्त रूप से 10 सीटें दी जा सकती है. मुकेश सहनी को भी 10 सीटें मिलने की सम्भावना है. वही राष्ट्रीय जनता दल (RJD) खुद 136-138 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। हालांकि अभी इस बारे में औपचारिक ऐलान बाकी है.

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सीट बटवारे पर एनडीए गठबंधन में गतिरोध ख़त्म करने को लेकर कल लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान की अमित शाह (Amit Shah) के मौजूदगी में जेपी नड्डा (Jagat Prakash Nadda) के घर पर बैठक बैठक हुई थी. ऐसा माना जा रहा है कि भाजपा ने लोजपा को 27 सीटों की पेशकश की है जबकि लोजपा 42 सीटें मांग रही थी. अब चिराग पासवान को एनडीए में रहने या छोड़ने पर फैसला करना है. एनडीए गठबंधन में सीट बटवारे पर बरक़रार गतिरोध को देखते हुए भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक अब 4 अक्टूबर को होगी पहले यह बैठक दो अक्टूबर को ही प्रस्तावित थी.

एलजेपी ने 3 अक्टूबर को पार्टी के केंद्रीय संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई है। सूत्रों के अनुसार इस बैठक में एनडीए के साथ सीट शेयरिंग को लेकर चल रही खींचतान के बीच चिराग पासवान कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं।

बता दें कि महागठबंधन (Grand Alliance) में सभी प्रमुख घटक दल के नेताओं के बीच कल रात पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर बैठक हुई. कई घंटो की चर्चा के बाद राजद नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने बिहार कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा, भाकपा माले के जनरल सेक्रेटरी दीपंकर और विकासशील इंसान पार्टी (VIP) अध्यक्ष मुकेश सहनी को डिनर डिप्लोमेसी के ज़रिये सीट बटवारे पर राज़ी कर लिया। अब महागठबंधन में सहमति बन चुकी है एवं अगले एक दो दिन में घोषणा हो सकती है.

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वही एनडीए खेमे में जदयू (JDU) और लोजपा (LJP) के बीच अविश्वास के कारण अभी तक सहमति नहीं बन पायी है. तेजी से बदलते राजनीतिक घटनाक्रमों के बीच बीते मंगलवार को एलजेपी के जनरल सेक्रेटरी शहनवाज अहमद कैफी ने कह दिया कि चिराग पासवान उनकी पार्टी के सीएम उम्मीदवार हैं. दरअसल लोजपा की तरफ से आया यह बयान बीजेपी के ताजा बयान से बिल्कुल उलट है. हाल ही में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने साफ़ कर दिया था कि चुनाव नीतीश कुमार की अगुवाई में ही लड़ा जाएगा. लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने पहले ही कार्यकर्ताओं से कह दिया था कि 143 सीटों पर चुनाव की तैयारी करें। लेकिन चिराग को मुख्यमंत्री पद का चेहरा बताने वाले बयान के बाद से लोजपा के एनडीए से अलग होने की सम्भावना बढ़ गयी है.

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एनडीए के दो प्रमुख दल भाजपा और जदयू में अंदरूनी शक्ति संतुलन (Balance of Power) की नीति के कारण एक और संशय पैदा हो गया है. जहाँ जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार भाजपा को जदयू के मुकाबले कम सीटें देने पर ज़ोर दे रहे है ताकि जदयू बिहार में बड़े भाई की भूमिका में रहे. वही भाजपा के कुछ हलकों के कार्यकर्ता एवं नेता राजनीतिक नेतृत्व पर दोनों दलों को बराबर सीटों पर चुनाव लड़वाने का दबाव बना रहे है. माना जा रहा है कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व में इसको लेकर गहन विचार विमर्श चल रहा है.

दरअसल महागठबंधन के दलों में इस बात को लेकर सहमति बन चुकी है कि गठबंधन टूटने पर एनडीए को फायदा हो सकता है इसलिए सभी दल इस स्थिति से बचना चाह रहे है. इसलिए कल रात पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर महागठबंधन के नेताओं की बैठक हुई जिसमे तेजस्वी यादव ने कांग्रेस एवं भाकपा माले और विकाशील इंसान पार्टी को साथ चुनाव लड़ने पर राज़ी कर लिया है. अब एक दो दिन में घोषणा हो सकती है.

By Editor