महंगाई पर सुशील मोदी बोले- नहीं है… थोड़ा है..नहीं-नहीं-हां-हां
भाजपा सांसद सुशील मोदी ने संसद में महंगाई पर दिए अपने भाषण के कई वीडियो खुद ही ट्वीट किए हैं। देखिए कैसे कभी इनकार, कभी इकरार किया…।
महंगाई ने बड़े-बड़े को मुश्किल में डाल दिया है। भाजपा सांसद सुशील मोदी ने आज लगातार कई ट्वीट करके महंगाई पर अपना स्टैंड साफ करने की कोशिश की, लेकिन उलझ कर रह गए। पहले उन्होंने कहा कि महंगाई है कहां? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे बखूबी कंट्रोल कर लिया। फिर लगे हाथ यह भी कहते हैं कि महंगाई इंपोर्टेड है। इसका क्या मतलब है? इसका मतलब मान रहे कि महंगाई है। अंग्रेजी में बोलने से शब्द दुखदायी नहीं लगते। इंपोर्टेड शब्द में वह बात नहीं जो कमरतोड़ शब्द में है।
भाजपा सांसद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस बात के लिए जय-जय की कि उन्होंने महंगाई पर नियंत्रण कर लिया। सुशील मोदी ने कहा- अपनी सक्रिय नीतियों से महंगाई को नियंत्रित रखने के लिए माननीय प्रधानमंत्री जी को धन्यवाद।दुनिया के अधिकांश देशों में महंगाई को लेकर जहां जनता सड़कों पर आ गई वहीं नरेंद्र मोदी ने महंगाई को नियंत्रित रखने का काम किया। ये सांसद का इनकार है। फिर देखिए इकरार कैसे किया। कहा-आज अगर नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं होते तो भारत में महंगाई दर 7% की जगह 20% पर पहुंच गई होती।
भाजपा सांसद ने यह भी कहा-यह आयातित मंहगाई है। हमें इंधन, खाद्य तेल व फर्टिलाइजर आदि विश्व के बाजारों से आयात करना पड़ता है। जिसके लिए पिछले 75 वर्षों में कोई प्रयास नहीं हुआ। भाजपा सांसद के इस कथन का क्या अर्थ है? इसका अर्थ है पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस, सरसों तेल और खाद में महंगाई है, पर इसके लिए पिछली सरकारें जिम्मेदार हैं। हालांकि पिछले 75 वर्षों में केंद्र की सत्ता में जनसंघ और भाजपा भी हिस्सेदार रही है।
इंपोर्टेड महंगाई कहने पर लेखक अशोक कुमार पांडेय ने तंज कसा-इंपोर्ट तो आप लोगों ने ही की है न छोटे मोदी महाराज?
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