महाराष्ट्र में फंस गई BJP, अजीत पवार नहीं जुटा पाए 36 MLA
महाराष्ट्र में फंस गई BJP, अजीत पवार नहीं जुटा पाए 36 MLA। बुधवार को शरद पवार और अजीत पवार दोनों ने बुलाई थी बैठक। शरद के पक्ष में सहानुभूति की लहर।
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महाराष्ट्र एनसीपी पर कब्जे का लड़ाई में पहले दिन भतीजे अजीत पवार की हार हो गई है। चाचा शरद पवार का खेमा लड़ने को तैयार दिखा। अजीत पवार ने अपने साथ 40 विधायक होने का दावा किया था। लेकिन आज हुए पहले शक्ति परीक्षण में वे सिर्फ 29 विधायक ही जुटा पाए। एनसीपी के कुल 54 विधायक हैं। दल बदल विरोधी कानून से बचने के लिए अजीत पवार को 36 विधायकों की जरूरत है, जिसे वे आज जुटा नहीं पाए। वहीं शरद पवार खेमे के साथ 13 विधायक रहे।
इस बीच एनसीपी पर कब्जे की लड़ाई चुनाव आयोग पहुंच गई है। दोनों ने पार्टी पर अपना दावा पेश किया है। अजीत पवार गुट ने आयोग से कहा कि उनके साथ 40 विधायक हैं और उनके नेतृत्व वाला एनसीपी ही असली एनसीपी है। उधर शरद पवार गुट ने चुनाव आयोग से कहा कि 9 विधायकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई है। प्रफुल्ल पटेल तथा लोकसभा सांसद सुनील तटकरे को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है।
अजीत पवार ने अपनी बैठक में कहा कि वे मुख्यमंत्री बनने के लिए भाजपा के साथ गए हैं। उन्होंने शरद पवार के बारे में कहा कि वे 83 वर्ष के हो गए तथा उन्हें अब राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए। उन्हें नई पीढ़ी को सत्ता सौंप देनी चाहिए। वहीं शरद खेमे की बैठक में जोश के साथ भावनात्मक अपील देखी गई। हर वक्ता ने इस बात पर जोर दिया कि शरद पवार को धोखा दिया गया है। और महाराष्ट्र की जनता जवाब देगी।
शरद पवार ने वर्ष 1999 में एनसीपी का गठन किया था। पार्टी में तीन दिन पहले रविवार को विभाजन हो गया। उनके भतीजे अजीत पवार 40 से अधिक विधायकों के समर्थन का दावा करते हुए भाजपा के साथ सरकार में शामिल हो गए। उनके साथ एनसीपी के आठ अन्य विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली थी।
इधर, शिवसेना का शिंदे गुट परेशान है। उसका कहना है कि भाजपा ने अजीत पटेल को साथ लेकर भजपा ने उसे कहीं का नहीं छोड़ा है। शिंदे के विधायकों में रोष बढ़ता जा रहा है।
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