महिला आरक्षण बिल पास होगा, पर लाभ जनगणना के बाद

महिला आरक्षण बिल पास होगा, पर लाभ जनगणना के बाद

महिला आरक्षण बिल पास होगा, पर लाभ जनगणना के बाद। खबर है कि महिला आरक्षण का फायदा 2024 में नहीं मिलेगा। जनगणना 2021 में होनी थी, अब तक शुरू नहीं।

लोकसभा और विधानसभाओं में महिला आरक्षण का बिल संसद से पास होगा। लेकिन महिलाओं को इसका लाभ 2024 लोकसभा चुनाव में नहीं मिलेगा। महिला आरक्षण जनगणना के बाद लागू होगा। जनगणना 2021 में होनी थी, लेकिन तब सरकार ने कोरोना के नाम पर टाल दिया। हालांकि इस बीच विधानसभा ते चुनाव होते रहे, रोड शो और रैलियां होती रहीं, लेकिन जनगणना टली, तो अब तक टली ही है। जनगणना के बाद लोकसभा क्षेत्रों और विधानसभा क्षेत्रों का परिसीमन होगा, उसके बाद महिला आरक्षण लागू होगा।

कांग्रेस ने कहा कि महिला आरक्षण बिल की क्रोनोलॉजी समझिए यह बिल आज पेश जरुर हुआ लेकिन हमारे देश की महिलाओं को इसका फायदा जल्द मिलते नहीं दिखता। ऐसा क्यों? क्योंकि यह बिल जनगणना के बाद ही लागू होगा। आपको बता दें, 2021 में ही जनगणना होनी थी, जोकि आज तक नहीं हो पाई। आगे यह जनगणना कब होगी इसकी भी कोई जानकारी नहीं है। खबरों में कहीं 2027 तो 2028 की बात कही गई है। इस जनगणना के बाद ही परिसीमन या निर्वाचन क्षेत्रों का पुनर्निर्धारण होगा, तब जाकर महिला आरक्षण बिल लागू होगा। मतलब PM मोदी ने चुनाव से पहले एक और जुमला फेंका है और यह जुमला अब तक का सबसे बड़ा जुमला है। मोदी सरकार ने हमारे देश की महिलाओं के साथ विश्वासघात किया है, उनकी उम्मीदों को तोड़ा है।

इधर बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा-महिला आरक्षण के अंदर वंचित, उपेक्षित,खेतिहर एवं मेहनतकश वर्गों की महिलाओं की सीटें आरक्षित हो।मत भूलो, महिलाओं की भी जाति है। अन्य वर्गों की तीसरी/चौथी पीढ़ी की बजाय वंचित वर्गों की महिलाओं की अभी पहली पीढ़ी ही शिक्षित हो रही है इसलिए इनका आरक्षण के अंदर आरक्षण होना अनिवार्य है। राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने भी कहा कि उनकी पार्टी आरक्षण के भीतर पिछड़ों और कमजोर वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षण की अपनी पुरानी मांग पर कायम है।

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