महिला पहलवानों पर जुल्म राष्ट्रीय शर्म : बुकर सम्मानित गीतांजलि श्री
अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार से स्मानित हिंदी लेखिका गीतांजलि श्री ने कहा कि महिला पहलवानों पर जुल्म राष्ट्रीय शर्म है। पूरे देश के लिए शर्म की बात है।
यौन उत्पीड़न के खिलाफ संघर्ष कर रही महिला पहलवानों को गीतांजलि श्री ने अपना समर्थन जताया है। अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार से स्मानित हिंदी की पहली लेखिका गीतांजलि श्री ने कहा कि महिला पहलवानों पर जुल्म राष्ट्रीय शर्म है। पूरे देश के लिए शर्म की बात है। उन्होंने कहा कि न्याय पाने के लिए हमारे देश की महिला पहलवानों को अपनी प्रैक्टिस छोड़ कर, बिना किसी सुरक्षा के सड़क पर आंदोलन करना पड़ रहा है। यौन उत्पीड़न जैसे गंभीर मामले पर एफआईआर के सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ रहा है, यह पूरे देश के लिए शर्म की बात है।
गीतांजलि श्री ने कहा कि एक नागरिक होने के नाते हमने अपने खुद की हालत कैसी बना दी है। न्याय पाना सबके लिए सुलभ होना चाहिए, लेकिन आज न्याय के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।
इस बीच फुटबॉल के दिग्गज खिलाड़ी रह चुके बाइचुंग भूटिया ने भी महिला पहलवानों के आंदोलन का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि यह देखना बड़े ही दुख की बात है कि जिन खिलाड़ियों ने भारत का सिर ऊंचा किया, वे आज खुद न्याय पाने के लिए सड़क पर बैठी हैं। देश का हर खिलाड़ी देश के लिए अपना खून और पसीना देता है और इसके बदले उसे कम से कम सम्मान और न्याय तो मिलना ही चाहिए।
सीपीएम की पूर्व महिला सांसद सुभाषिनी अली भी शनिवार को तंजर मंतर पहुंचीं और महिला पहलवानों के संघर्ष को समर्थन दिया। जेएनयू के कई छात्र-छात्राएं भी जंतर-मंतर पहुंचीं। जेएनयू की कंचन यादव ने लिखा-देश का आन मान शान बढ़ाने वाली महिला पहलवान एक हप्ते से धरने पर बैठी हैं ताकि खेल को, खेल में भाग लेने वाली महिलाओं को बृजभूषण शरण सिंह जैसे हैवानों से बचाया जा सके। आज महिला पहलवानों के समर्थन में हम लोग जंतर मंतर पर गए। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न मामले पर भाजपा की महिला नेताओं की चुप्पी पर सवाल उठाया है।
इस बीच गोदी मीडिया लगातार महिला खिलाड़ियों के आंदोलन को राजनीतिक बता कर कमजोर करने में लगा है। धरना स्थल पर कई गोदी एंकरों के खिलाफ नारे लग चुके हैं।
अब तख़्त हिलेगा, ताज हिलेगा फर्जी राष्ट्रवादियों का राज हिलेगा