मैं सदन में होता तो मनोज झा की जीभ खींच लेता: आनंद मोहन

मैं सदन में होता तो मनोज झा की जीभ खींच लेता: आनंद मोहन। 1994 में दलित IAS की हत्या में उन्हें दोषी पाया गया था। वे आरक्षण का भी विरोध कर चुके हैं।

एक दलित आईएएस अधिकारी की हत्या में जेल की सजा काट कर हाल में बाहर निकले आनंद मोहन सिंह ने राजद सांसद मनोज झा के बारे भड़काऊ बात कही है। उन्होंने कहा कि वे सदन में होते तो मनोज झा की जीभ खींच लेते। मालूम हो कि संसद में महिला आरक्षण बिल पर बोलते हुए मनोज झा ने ओम प्रकाश वाल्मीकि की कविता ठाकुर का कुआं का पाठ किया था। हालांकि उन्होंने यह भी कहा था कि यह कविता किसी जाति के खिलाफ नहीं है, बल्कि वो ठाकुर मैं हूं, वो ठाकुर संसद में है, वो विवि में है, कानून में है। अपने अंदर के उस ठाकुर को मारना पड़ेगा। जाहिर है कविता सामंती उत्पीड़न, कमजोर जातियों पर दबंग जातियों के दबदबे और शोषण के खिलाफ है।

आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद सिंह ने पहले मनोज झा पर राजपूतों को अपमानित करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि वे इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। भाजपा सांसद सुशील मोदी सहित भाजपा के कई नेताओं ने चेतन आनंद का समर्थन किया है।

आज तक कि खबर के मुताबिक आनंद मोहन की राजनीति में एंट्री 1980 में हुई। तब उन्होंने समाजवादी क्रांति सेना की स्थापना की। यह सेना कमजोर जातियों के उत्थान के खिलाफ उनसे मुकाबले के लिए बनाई गई। उन पर कई बार इनाम भी घोषित हुए। 1983 में उन्हें तीन महीने की सजा भी हुई। आज तक ने यह भी लिखा है कि 1990 में मंडल कमीशन की सिफारिश लागू होने के बाद उन्होंने आरक्षण विरोध करते हुए अलग पार्टी बिहार पीपुल्स पार्टी बनाई। जेल में रहते हुए 1996 वे शिवहर से लोकसभा चुनाव जीते। 1998 में भी वे यहीं से जीते। तब राजद ने उन्हें समर्थन दिया था। इसके बाद वे राजद से अलग होकर भाजपा केकरीब हो गए।

आनंद मोहन पर कई मुकदमे थे, लेकिन अधकतर मामले में वे बरी हो गए, लेकिन 1994 में गोपालगंज के जिलाधिकारी दलित आईएएस जी क़ष्णैया की भीड़ ने पीट-पीट कर हत्या कर दी। इस हत्या से पूरा देश हिल गया। आनंद मोहन पर हत्यारी भीड़ को उकसाने का आरोप था। इस मामले में उन्हें फांसी की सजा हुई। वे पहले नेता थे, जिसे फांसी की सजा हुई। हालांकि बाद में फांसी की सजा हटा ली गई।

विकीपीडिया के अनुसार 2007 में पटना हाईकोर्ट ने उन्हें मौत की सजा सुनाई थी। बाद में मौत की सजा हटा ली गई थी। आनंद मोहन अपने उग्र बयानों के लिए पहले भी जाने जाते थे, एक बार फिर उन्होंने राजद सांसद के खिलाफ जीभ खींच लेने जैसी भड़काऊ बयान दिया है। देखना है कि इस बार उनके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई होती है या नहीं।

‘ठाकुर का कुआं’ पर RJD में अकेले पड़े चेतन आनंद, समर्थन में BJP

By Editor


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