मेजर लिटुल गोगई और उनके द्वारा कश्मीरी युवक को जीप के बोनेट पर रस्सी से बांध कर मानव कवच के रूप में इस्तेमाल करने वाले मेजर लिटुल गोगई को, एक लड़की के साथ होटल में पकड़े जाने पर जबर्दस्त पिटाई हुई है.
इस मामले में इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस ने एक जांच कमेटी बनाई है जो मामले की तह तक जायेगी.
कश्मीर प्रेस ़डॉट कॉम ने इस मामले पर ग्रांड ममता होटल के सूत्रों के हवाले से लिखा है कि मेजर गोगई मंगलवार को एक 17 वर्षीय कश्मीरी लड़की के साथ आये और होटल में कमरा की मांग की. इसके बाद होटल कर्मी ने उनसे परिचय पत्र मांगा. गोगई के पास असम का परिचय पत्र था जबकि लड़की कश्मीर की थी. होटलकर्मी ने बताया कि वह लोकल लोगों को होटल का कमरा नहीं देते. इस पर गोगई और होटल कर्मियों के बीच बात बढ़ती चली गयी. और नौबत मारपीट तक पहुंच गयी. होटल कर्मियों ने मेजर गोगोई को बुरी तरह से पीटा. और इस बात की सूचना लोकल पुलिस को भी दे दी. कुछ देर के बाद पुलिस पहुंची और गोगोई को हिरासत में ले लिया.
हालांकि होटल कर्मियों का कहना है कि उन्हें नहीं पता था कि यह वही मेजर गोगई है जिसने बदगाम के फारूक डार नामक युवक को जीप के बोनेट पर रस्से से बांध कर बैठाया और उसका इस्तेमाल मानव कवच के रूप में किया था. होटल कर्मियों ने कहा कि अगर उन्हें पता होता कि यह वही मेजर है तो उनकी और जम कर पिटाई की जाती.
इस बीच पुलिस ने इस मामले में रपट लिख ली है और मेजर गोगोई को गिरफ्तर कर लिया है. पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि वह लड़की नाबालिग थी या बालिग. कश्मीर प्रेस ने पुलिस और अन्य अधिकारियों के हवाले से जानकारी दी है कि लड़की नाबालिग है.
ये मेजर गोगोई वहीं फौजी अफसर हैं जिन्होंने एक युवक को फौजी जीप के बोनेट पर रस्सा से बांध कर मानव कवच के रूम में इस्तेमाल किया था. इस घटना के बाद देश और दुनिया में भार आलोचना हुई थी. लेकिन गोगोई को इस काम के लिए प्रोमोशन दे कर सम्मानित किया गया था.