Maldives : ‘कचरे के डब्बे पर पीएम, हिंदू राष्ट्र के लिए गर्व का समय’
पीस एंड कनफ्लिक्ट विषय के प्रध्यापक प्रो. अशोक स्वैन ने मालदीव के पार्क में कचरे के डब्बे पर प्रधानमंत्री की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा..
स्वीडन के Uppsala University में पीस एंड कनफ्लिक्ट विषय के प्रध्यापक प्रो. अशोक स्वैन ने मालदीव के पार्क में कचरे के डब्बे पर पीएम की तस्वीर शेयर करते हुए व्यंग्य में लिखा- हिंदू राष्ट्र के लिए गर्व का समय। उन्होंने ऐसी दो तस्वीरें शेयर की हैं। पहली किसी सड़क के किनारे की है और दूसरी तस्वीर समुद्र किनारे की है। अशोक स्वैन गल्फ न्यूज में राइट इज रॉन्ग नाम से कॉलम भी लिखते हैं। उनके पोस्ट को अब तक लगभग साढ़े सात हजार लाइक मिल चुके हैं और लगभग ढाई सौ लोगों ने कमेंट किया है। कमेंट करनेवालों में मुख्यतः दो तरह के लोग हैं। कुछ ने प्रो. स्वैन को लानत भेजी है, तो कुछ ने हिंदुत्ववादी तत्वों के कारण देश की प्रतिष्ठा को लगे आघात पर चिंता जताई है।
जनसत्ता के पूर्व संपादक और वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी ने कहा-अँगरेज़ी के अख़बारों ने सम्पादकीय लिखकर घृणा के प्रसार में भाजपा की भूमिका की आलोचना की है। हिंदी के अख़बारों में आलोचनात्मक सम्पादकीय देखे आपने? इस बीच आज लगातार तीसरे फ्रिंज एलिमेंट चर्चा में रहा। इस शब्द का इस्तेमाल भाजपा ने किया है कि इस्लाम के खिलाफ नफरत फैलानेवाले लोग खास नहीं हैं वे फ्रिंज एलिमेंट अर्थात हाशिये के तत्व हैं।
आज राहुल गांधी ने ट्वीट करके कहा कि पूरी भाजपा ही फ्रिंज एलिमेंट है। उन्होंने इसके साथ ही गृह मंत्री अमित शाह और अन्य के मुसलमानों के खिलाफ नफरत भरे बयान याद दिलाए हैं। आल्ट न्यूज के मो. जुबैर ने भी भाजपा नेताओं के बयान जोड़ कर रखे हैं, जिनमें मुस्लिमों के खिलाफ बातें हैं। उन्होंने भी बताया है कि भाजपा में फ्रिंज एलिमेंट सिर्फ नूपुर शर्मा ही नहीं हैं। बल्कि ऐसे तत्वों की भरमार है।
सचमुच इन फ्रिंज तत्वों के कारण भारत की प्रतिष्ठा को 70 वर्षों में सबसे बड़ी चोट लगी है। प्रधानमंत्री की तस्वीर को इस तरह लगाना पूरे देश के लिए चिंता की बात है। ऐसा दोबारा न हो इसके लिए सभी फ्रिंज तत्वों पर कार्रवाई होनी चाहिएय़ टीवी एंकरों में भी ऐसे फ्रिंज तत्व हैं। उन पर भी कार्रवाई हो।
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