ममता और टिकैत की हुई मुलाकात, भाजपा की भवें तनीं
भाजपा के दो धुर विरोधी प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और किसान नेता राकेश टिकैत आज मिले। दोनों के मिलने की खबर से भाजपा परेशान है।
एक तरफ किसान नेता राकेश टिकैत पिछले सात महीने से किसानों का आंदोलन चला रहे हैं। उनके आंदोलन का असर यह है कि पश्चिमी यूपी, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान से भाजपा के पांव उखड़ गए हैं। राकेश टिकैत प्रधानमंत्री मोदी के लिए चुनौती बने हुए हैं। वे तीन कृषि कानूनों को रद्द करने तथा विभिन्न फसलों की एमएसपी को कानूनी दर्जा देने की लड़ाई लड़ रहे हैं।
उधर, ममता बनर्जी ने बंगाल विधानसभा चुनाव में सीधे प्रधानमंत्री मोदी का मुकाबला किया और उन्हें बुरी तरह हराया। रोज ही कोई-न-कोई भाजपा नेता तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने की इच्छा जताते हैं या कहते हैं कि भाजपा को ममता की आलोचना से परहेज करना चाहिए।
मुलाकात के बाद ममता बनर्जी ने कहा कि वे किसान आंदोलन का समर्थन करती हैं। उन्होंने तीन कृषि कानूनों को रद्द करने तथा एमएसपी का समर्थन किया। जल्द ही वे बंगाल में किसानों के लिए कोई विशेष घोषणा भी कर सकती हैं। राकेश टिकैत चाहते हैं कि सब्जियों, फलों और दूध की एमएसपी ममता घोषित करें।
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इस बीच ममता और टिकैत की मुलाकात से भाजपा खेमे में हड़कंप मच गया है। अबतक किसान आंदोलन के मंच से किसी राजनीतिक नेता ने अपनी बात नहीं रखी है। क्या राकेश टिकैत किसान आंदोलन को नया तेवर देने के लिए कोई ऐसी किसान महापंचायत करेंगे, जिसमें ममता बनर्जी शामिल हों? अगर ऐसा होता है, तो किसान आंदोलन की धार और मजबूत होगी तथा अगले साल यूपी सहित कई राज्यों में होनेवाले चुनाव पर असर पड़ना तय है। इससे भजपा की परेशानी बड़ गई है। तृणमूल भी राज्य से बाहर पार्टी के विस्तार की योजना बना रहा है।
मुलाकात में किसान नेता युद्धवीर सिंह और तृणमूल कांग्रेस के उपाध्यक्ष पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा भी शामिल थे।
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यह याद रखना होगा कि राकेश टिकैत पहली बार किसी राज्य के मुख्यमंत्री से मिले हैं। देखिए, आगे-आगे होता है क्या।