बंगाल में पिछले 35 दिनों से विकट स्थिति है। महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म तथा हत्या के बाद से डॉक्टर हड़ताल पर हैं। हड़ताल के कारण इलाज नहीं होने के कारण अब तक 30 लोगों की मौत हो चुकी है। तीन लाख से ज्यादा मरीजों का इलाज नहीं हुआ। हड़ताल समाप्त कराने के लिए दो दिन पहले वार्ता का समय तय हुआ, लेकिन डॉक्टर इस बात के लिए अड़ गए कि मुख्यमंत्री से उनकी वार्ता का टीवी पर सीधा प्रसारण हो। सरकार इस पर तैयार नहीं हुई, तो डॉक्टरों ने वार्ता से बहिष्कार कर दिया। अब शनिवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अचानक हड़ताली डॉक्टरों के धरना स्थल पर पहुंच गईं। उन्होंने कहा कि आप यहां बारिश में भीगते रहे और मैं रात भर सोई नहीं। कहा कि हड़ताल समाप्त कराने के लिए ये उनकी अंतिम कोशिश है। उन्होंने डॉक्टरों की मांगों पर कार्रवाई करने का भी आश्वासन दिया।
मालूम हो कि दो दिन पहले हड़ताली डॉक्टरों के साथ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की बैठक तय हुई। 15 डॉक्टरों के प्रतिनिधिमंडल का मिलना तय हुआ, लेकिन वहां 34 डॉक्टर पहुंच गए। सरकार की तरफ से किसी को मना नहीं किया गया। मुख्यमंत्री सचिवालय के बाहर डॉक्टरों ने नई शर्त रख दी कि वार्ता सा सीधा प्रसारण होना चाहिए। सरकार ने कहा कि हम वीडियो बनवा देंगे, जिसे डॉक्टरों को बाद में दे दिया जाएगा, लेकिन डॉक्टर सीधा प्रसारण पर अड़ गए और वार्ता के लिए हॉल में जाने से इनकार कर दिया। उधर मुख्यमंत्री अकेली दो घंटे तक हड़ताली डॉक्टरों का इंतजार करती रहीं।
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वार्ता टूट जाने के बाद ममता बनर्जी ने प्रदेश की जनाता को संबोधित करते हुए स्थिति स्पष्ट की। कहा कि वे भी चाहती हैं कि दोषियों को कड़ी सजा मिले। मामला सीबीआई के पास है। सीबीआई जल्दी जांच पूरी करे। यह भी कहा कि हड़ताली डॉक्टरों की मांग कुछ अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की है। ममता ने कहा कि वे अधिकारी उनके दोस्त नहीं हैं, लेकिन जांच का समय दीजिए। जांच में जो बी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
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