उप्र में मंगेश यादव एनकाउंटर पर भाजपा की योगी सरकार बुरी तरह घिर गई है। कांग्रेस ने पूरा कच्चा चिट्ठा खोल दिया है। इस बीच लेखक अशोक कुमार पांडेय ने कहा कि सबसे ज्यादा मुसलमानों के फर्जी एनकाउंटर हुए। अगर पहले ही सबने सवाल उठाए होते, तो शायद फर्जी एनकाउंटर बंद हो जाते। उन्होंने कहा कि सबसे ज़्यादा इन्काउटर मुसलमानों के हुए। अगर तब भी ऐसे ही सबने आवाज़ उठाई होती तो शायद बहुत सी घटनाओं को रोका जा सकता था। आज मँगेश यादव के इन्काउंटर पर सवाल उठा है तो इसी बहाने इस पूरे खेल का पर्दाफाश होना चाहिए। encounter हो या बुलडोजर, मुसलमानों तक पर ही नहीं रुकेगा, कम से कम आगे जब ऐसा हो तो सवाल उठे। मुसलमान समझ कर अकेला न छोड़ दिया जाए।
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रीया श्रीनेत ने कहा कि मंगेश यादव के एनकाउंटर पर सवाल क्या खड़े हुए, कुछ लोग विचलित हो गये. लेकिन सच अगर कड़वा है तो क्या नकार दें? 8 अगस्त को दिनहदाड़े सुल्तानपुर शहर में मशहूर सर्राफ भरत जी ज्वैलर्स के यहां करीब डेढ करोड़ रूपये की लूट हुई पुलिस के मुताबिक, इस लूट में कुल 11 बदमाश शामिल थे. इस लूट का मुख्य आरोपी विपिन सिंह नाम का अपराधी है विपिन सिंह पर गुजरात से लेकर उत्तर प्रदेश के आठ जिलों में लूट, डकैती, चोरी, हत्या का प्रयास के 36 मुकदमे दर्ज हैं मुख्य आरोपी विपिन सिंह ने नाटकीय तरीके से पुलिस को चकमा देते हुए 04 सितंबर को कोर्ट में सरेंडर कर दिया जबकि लूट के 4 दिन बाद 02 सितंबर को पुलिस मंगेश यादव के जौनपुर स्थित उसके घर पहुंचती है आधे कपड़ो में लेटे मंगेश को पुलिस रात में करीब 2 बजे अपने साथ लेकर जाती है इसके तीन दिन बाद 5 सितंबर को सुबह मंगेश को तथाकथित एनकाउंटर में मार देती है STF दावा करती है कि मंगेश के पास से 32 बोर की पिस्टल, 315 बोर का तमंचा, बाइक और लूटे गए जेवर बरामद किए हैं. जबकि जेवर बरामद नहीं होते इसके अलावा पुलिस जब मंगेश को अपने साथ ले गई थी, तब वो निहत्था गया था, उसके पास कुछ नहीं था इस घटना में शामिल 11 अपराधियों में से सिर्फ एक मंगेश यादव को एनकाउंटर में मारा जाता है। जबकि घटना में 3 सितंबर को सचिन सिंह, गोविंद सिंह और त्रिभुवन को मुठभेड़ में घायल कर गिरफ्तार किया जा जाता है. किसी की जान नहीं ली गई अगर पुलिस का इरादा मंगेश को जिंदा गिरफ्तार करने का होता तो पुलिस सिर्फ एक गोली मारकर पकड़ सकती थी, जैसा इस मामले के तीन और अपराधियों के साथ किया गया है मगर STF ने मंगेश को चार गोलियां मारी वो भी पैर से ऊपर वाले भाग में इस एनकाउंटर को चप्पल पहनकर अंजाम देने वाले यूपी STF के CO धर्मेश कुमार शाही हैं. जो सबइंस्पेक्टर से CO बने हैं अभी साल 2019 में वह डिप्टी SP की रैंक पर प्रमोट हुए थे. शाही ने अभी तक 50 से अधिक एनकाउंटर किए हैं. मंगेश के पहले भी इनके कई एनकाउंटर पर सवाल खड़े हुए हैं ये वही डीके शाही हैं, जिनकी पत्नी ऋतु शाही BJP की नेता हैं. ऋतु शाही को हाल में ही उत्तर प्रदेश महिला आयोग का सदस्य नियुक्त किया गया है. साथ ही साथ ऋतु शाही गोरखपुर क्षेत्र में BJP महिला मोर्चा की क्षेत्रीय कोषाध्यक्ष भी हैं मंगेश एनकाउंटर की जांच भी डीके शाही के सजातीय अधिकारी SDM विदुषी सिंह को दी गई है जो लोग अपराधी की जाति पर उठ रहे सवालों से विचलित हैं क्या अब उनके पास है कोई जवाब? अब आक्रोश नहीं मचाओगे? अब अन्याय नहीं दिखेगा? अब ज्ञान नहीं देंगे?
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असलियत है कि लगभग सारे न्यूज़रूम में दलितों आदिवासियों और पिछड़ों का कोई प्रतिनिधित्व ही नहीं है इक्का दुक्का कैमरा वाला होगा शायद – जो ना शो की हैडलाइन निर्धारित करता है, ना अख़बार की सुर्ख़ी – और ना बनावटी आक्रोश आईना दिखाने पर बुरा लगना स्वभाविक है – लेकिन सच से कैसे मुँह मोड़ा जाये.
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