पूर्व IAS मनीष वर्मा मंगलवार को जदयू में शामिल हो गए। उन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के उत्तराधिकारी के रूप में देखा जा रहा है। वे नीतीश कुमार के करीबी तथा उन्हीं की जाति तथा उनके गृह जिले नालंदा के ही रहनेवाले हैं। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दी। जदयू कार्यालय में इस अवसर पर पार्टी के कई वरिष्ठ नेता उपस्थित थे।।
जदयू में शामिल होने के बाद पूर्व आईएएस मनीष वर्मा ने मीडिया से कहा कि मुक्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन पर भरोसा जताया है, जिसके लिए वे आभारी हैं। कहा कि वे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दिल में थे, अब उनके दल में शामिल हो गए हैं। उन्होंने कहा कि जदयू का देशभर में विस्तार किया जाएगा। अगले साल बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए पहले से ज्यादा सीटों के साथ सत्ता में आएगा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के स्वास्थ्य को देखते हुए पार्टी में पहले से ही उनके उत्तराधिकारी को लेकर चिंता जताई जा रही थी। अब मनीष वर्मा को पार्टी में शामिल करके यह संदेश देने की कोशिश की गई है कि पार्टी का भविष्य सुरक्षित है। पार्टी ने नए नेतृत्व को सामने कर दिया है। जदयू को उम्मीद है कि नवीष वर्मा जाति से कुर्मी हैं तथा नालंदा के ही रहनेवाले हैं, इसलिए पार्टी का जनाधार उन्हें आसानी से नीतीश कुमार का उत्तराधिकारी स्वीकार कर लेगा। हालांकि यह भी नामा जा रहा है कि मनीष वर्मा की राह उतनी आसान नहीं होगी, क्योंकि जो दशकों से नीतीश कुमार के साथ काम कर रहे हैं, वे अचानक बाहर से आए व्यक्ति को नेता के रूप में स्वीकार नहीं करेंगे।
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याद रहे नीतीश कुमार ने एक वक्त पूर्व आईएएस आरसीपी सिंह को पार्टी में काफी आगे बढ़ाया था। वे नीतीश कुमार के उत्तराधिकारी के रूप में देखे जाते थे। पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बने और बाद में केंद्र में मंत्री भी बने। केंद्र में मंत्री बनने के बाद वे भाजपा नेताओं के कुछ ज्यादी ही करीब हो गए और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया।