मांझी से मिले माले विधायक दल के नेता महबूब आलम, मचा हड़कंप
मांझी से मिले माले विधायक दल के नेता महबूब आलम, मचा हड़कंप। 12 फरवरी को फ्लोर टेस्ट से पहले इस मुलाकात के बाद राजनीति गरमाई। जानिए मांझी ने क्या कहा-
बिहार में सियासी सरगर्मी तेज है। 12 फरवरी को राज्य की नीतीश सरकार विश्वास का मत हासिल करेगी। इस बीच भाकपा माले विधायक दल के नेता महबूब आलम आज शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री और हम (से) के संरक्षक जीतनराम मांझी से मिले। इस मुलाकात के बाद राजनीतिक गलियारे में तरह-तरह की चर्चा शुरू हो गई। हालांकि बिना देर किए पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने स्थिति स्पष्ट कर दी। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर नीतीश सरकार के साथ खेला होने की संभावनाओं को पूरी तरह खारिज कर दिया।
जीतनराम मांझी ने एक्स पर लिखा-जो खेला होना था हो गया अब कुछ नहीं होने वाला। मोदी जी के नेतृत्व में NDA मजबूत था है और रहेगा। वईसे फिर भी किसी को “खेला” खेलने का मन है तो विकास जी के दुकान पर जाकर खिलौना ले ले। वहां 30% का डिस्काउंट चल रहा है, सस्ता, मज़बूत एवं टिकाऊ खिलौना बेचतें हैं विकास बाबू। मांझी ने इस ट्वीट के साथ एक खिलौने की दुकान की तस्वीर भी शेयर की है। उनके इस दो टूक बयान के बाद महबूब आलम के मिलने से जो अटकलों का बाजार गर्म होता, उस पर विराम लग गया।
जीतनराम मांझी ने कल शुक्रवार को भी बड़े साफ शब्दों में कहा था कि वे गरीब हैं, पर किसी को धोखा नहीं दे सकते। वे प्रधानमंत्री मोदी के साथ थे, हैं और आगे भी रहेंगे। उन्होंने कहा था कि मेरे लिए कोई सत्ता की कुर्सी मायने नहीं रखती। बस ग़रीबों,मज़लूमो,दबे-कुचलों के हक़ और हक़कूक की आवाज उठती रहे उनका काम हो यही काफी है। मैं ग़रीब ज़रूर हूं पर कुर्सी के लालच में किसी को धोखा नहीं दे सकता। HAM मोदी जी के साथ थें, HAM मोदी जी के साथ हैं, HAM मोदी जी के साथ रहेंगे।
नीतीश सरकार की अग्निपरीक्षा से पहले पूर्व मुख्यमंत्री मांझी सरकार के मजबूत समर्थक बन कर उभरे हैं। फिलहाल संकट ज्यादा जदयू में दिख रहा है। शनिवार को जदयू ने भोज में सारे विधायकों को बुलाया था, जिसमें पांच विधायक नहीं पहुंचे। हालांकि इनमें एक विधायक गोपाल मंडल थोड़ी देर से मंत्री श्रवण कुमार के यहां पहुंचे। उन्होंने कहा कि गाड़ी खराब हो गई थी, इसलिए भोज में देर से पहुंचा।
डोल रही नीतीश सरकार, जदयू के भोज में 5 MLA नहीं पहुंचे