केंद्रीय मंत्री और हम के संरक्षक जीतनराम मांझी ने बुधवार को कुंभ स्नान किया। अपना फोटो शेयर करते हुए राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद तथा बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तंज कसा। इधर उनके दलित आधार खासकर मांझी समुदाय के कार्यकर्ताओं में नाराजगी देखी जा रही है। एक कार्यकर्ता ने कहा कि पहले मांझी मनुस्मृति के खिलाफ बोलते थे और अब उन्होंने भाजपा और संघ की हिंदुत्व वाली राजनीति अपना ली है। सिर्फ अपनी कुर्सी बचाए रखने के लिए उन्होंने संघ और भाजपा की विचारधारा अपना ली है। एक अन्य ने कहा कि मांझी ने बाबा साहेब की विचारधारा को अब पूरी तरह तिलांजलि दे दी है।
केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने आज कुंभ में स्नान किया और सोशल मीडिया एक्स पर अपनी तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि लीजिए मैंने कुंभ स्नान कर लिया। अब लालू प्रसाद और ममजा बनर्जी के पेट में दर्द हो, तो हम कुछ नहीं कर सकते।
इधर राजद के एक प्रदेश स्तर के नेता ने नौकरशाही डॉट कॉम से बात करते हुए कहा कि मांझी के पूरी तरह संघी राजनीति में रंग जाने के बाद उनके दलित आधार में टूट होना निश्चित है। खासकर दलित युवाओं में स्पष्ट नाराजगी है। राजद को इसका फायदा मिलेगा।
हाल के दिनों में देखा जा रहा है कि एनडीए के घटक जदयू, लोजपा-आर और हम पार्टी में कौन संघ के कितना करीब है, इसे दिखाने के लिए एक प्रतियोगिता सी चल रही है। पिछले दिनों जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा कुंभ स्नान के लिए पहुंचे थे। फिर लोजपा के चिराग पासवान ने भी कुंभ स्नान करके उसका खूब प्रचार किया और अब मांझी भी स्नान करने पहुंच गए।
राजनीतिक विश्लेषकों को आश्चर्य इस बात का है कि अब तक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कंभ स्नान के लिए प्रयागराज नहीं पहुंचे हैं। कई लोग इसे स्वास्थ्य से जोड़ कर देख रहे हैं कि उनका स्वास्थ्य खराब है। हालांकि वे लगातार विभिन्न जिलों में प्रगति यात्रा कर रहे हैं। कुछ अन्य का मानना है कि नीतीश कुमार कोई खेला कर सकते हैं।