Manju Verma बुरे फंसीं आर्म्स ऐक्ट में, नीतीश की रही हैं मंत्रिमंडल सहयोगी
मंजू वर्मा (Manju Verma) नीतीश मंत्रिमंडल में रही हैं। जिन्हें मुजफ्फरपुर शेल्टर होम बलात्कार कांड के बाद इस्तीफा देना पड़ा था। मंजू और उनके पति चंद्रशेखर वर्मा के खिलाफ आर्मस ऐक्ट में बेगूसराय सत्र न्याधीश ने आरोप गठित किया।
[author ]बेगूसराय से कौनैन अली की रिपोर्ट[/author]
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश दीपक भटनागर ने आर्म्स एक्ट मामले के आरोपित Manju Verma एवं उनके पति के विरुद्ध आरोप तय किया है।
न्यायधीश दीपक भटनागर ने शस्त्र अधिनियम की धारा 25 (1- बी)ए, 26,35 में आरोप का गठन कर दिया है।
न्यायालय ने इस मुकदमे को गवाही के लिए 27 मार्च 2020 की तारीख मुकर्रर की है। न्यायालय ने दोनों आरोपित को उस पर लगाए गए आरोप को पढ़कर सुनाया जिस पर आरोपितों ने अपने को निर्दोष बताया।
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ज्ञात हो कि आरोपितों ने न्यायालय के समक्ष दो-दो बार डिस्चार्ज आवेदन दाखिल कर अपने को निर्दोष बताते हुए मुकदमा से बरी करने का निवेदन किया था। मगर न्यायालय ने दोनों डिस्चार्ज आवेदन को सुनवाई के बाद खारिज कर दिया।
Manju Verma समाज कल्याण विभाग की मंत्री रही हैं
डिस्चार्ज आवेदन का मामला पटना उच्च न्यायालय तक गया। अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक राजकुमार महतो अपना पक्ष न्यायालय के समक्ष रख रहे हैं।
शेल्टर होम की जांच के दौरान सीबीआई द्वारा आरोपित के घर पर 17 अगस्त 2018 को छापेमारी की थी। जहां आरोपित के घर से 50 जिंदा गोली बरामद की गई थी। जिस पर चेरिया बरियारपुर थाना कांड संख्या 143/18 दर्ज की गई है। इस प्राथमिकी के सूचक सीबीआई डिप्टी सुपरिटेंडेंट उमेश कुमार है।
आरोपित की ओर से अधिवक्ता ललन कुमार एवं विजय महाराज न्यायालय में अपना पक्ष रख रहे हैं।
गौरतलब है कि मंजू वर्मा नीतीश सरकार में समाज कल्याण जैसे महत्वपूर्ण विभाग की मंत्री रही हैं। उन्हें मुजफ्फरपुर शेल्टर होम बलात्कार कांड के कारण इस्तीफा देना पड़ा था। उनके पति को गिरफ्तार करने पुलिस पहुंची और उनके घर से हथियार बरामद किया था।