पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने देश की अर्थव्यवस्था में गिरावट को लेकर मोदी सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में आगे बढ़ने की क्षमता है, लेकिन मोदी सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन के परिणामस्वरूप यह आज मंदी से जूझ रही है।
डॉ सिंह ने जारी एक बयान में कहा कि देश की आर्थिक मंदी कुप्रबंधन की शिकार हुई है। सरकार को किसी तरह की राजनीति किए बिना देश को आर्थिक मंदी से बाहर निकालने का प्रयास करना चाहिए, क्योंकि देश लंबे समय तक आर्थिक मंदी को सहन नहीं कर सकता है।
उन्होंने कहा कि विनिर्माण क्षेत्र में विकास दर 0.6 प्रतिशत रह गई है। जीडीपी की दर 15 माह के निचले स्तर पर है। खपत दर 18 माह के निचले स्तर पर है। निवेश नहीं हो रहा है, कारोबारी कर के आतंक से परेशान हैं, ऑटो मोबाइल क्षेत्र में पिछले कुछ माह के दौरान साढ़े तीन लाख से अधिक लोगों की नौकरी गई है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था डांवाडोल स्थिति में पहुंच गई है और किसानों की आय घटी है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए यह संकेत ठीक नहीं है।
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि हाल में सरकार ने रिजर्व बैंक से उसकी रिजर्व मद से 7.6 लाख करोड़ रुपये लिए हैं, लेकिन इस पैसे का इस्तेमाल किस तरह से किया जाना है इसके लिए सरकार के पास कोई योजना नहीं है। जीडीपी पिछली तिमाही में पांच प्रतिशत की गिरावट तक पहुंच चुकी है और आर्थिक मंदी लगातार चिंता का विषय बनती जा रही है।
उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था में इस गिरावट की बड़ी वजह नोटबंदी का फैसला और जल्दबाजी में जीएसटी को लागू किया जाना है।