मनोज झा बोले, आज जेपी होते, तो वे भी देशद्रोही कहलाते
राजद सांसद मनोज झा टीवी और कई अखबारों द्वारा किसानों को देशद्रोही बताने के खिलाफ फिर मैदान में उतरे, कहा, जेपी होते, तो उन्हें भी ये लोग नहीं छोड़ते।
राजद सांसद मनोज झा ने तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे किसानों और उनके आंदोलन को देशद्रोही बताने की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि आज लोकनायक जयप्रकाश नारायण भी केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ आंदोलन करते, तो उन्हें भी पाकिस्तानी, खालिस्तानी और देशद्रोही कहा जाता।
सांसद मनोज झा ने कहा कि फर्ज कीजिए लोकनायक जयप्रकाश नारायण का आंदोलन इस दौर-ए-हुकूमत में हुआ होता, तो क्या होता? लाठियां, जेल तो तब भी थे, अब भी रहते ही, मगर देशद्रोही, पाकिस्तानी, खालिस्तानी, टुकड़े-टुकड़े गैंग का हल्ला मचा रहे इन एंकरों को क्या कहा जाए। उन्होंने ट्वीट करके न सिर्फ केंद्र सरकार की आलोचना की, बल्कि मीडिया के उस हिस्से की भी आलोचना की, जो किसी भी आंदोलन को बदनाम करने के लिए कुछ भी बोलने को तैयार है, भले ही इससे समाज में एक तबके के खिलाफ नफरत पैदा होती हो, समाज का सद्भाव कमजोर होता हो और इस तरह देश कमजोर होता हो।
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सांसद मनोज झा ने बिहार सरकार के उस आदेश की भी आलोचना की है, जिसमें 50 वर्ष से अधिक के कर्मियों को जबरन रिटायर करने की बात है। उन्होंने कहा कि जिस प्रदेश में नौकरी-पाते-पाते 40 वर्ष हो जाती है, उसमें 50 वर्ष में अनिवार्य सेवानिवृत्ति का फैसला तुगलकी फैसला है।
मानव श्रृंखला के लिए कल बैठक
उधर तीन कृषि कानूनों को रद्द करने तथा बिहार में एपीएमसी व्यवस्था लागू करने की मांग पर 30 जनवरी को होनेवाली मानव श्रृंखला की सफलता के लिए कल पटना में महागठबंधन के सभी दलों की बैठक बुलाई गई है।