ML MLA की विधानसभा सदस्या खत्म, उम्रकैद की मिली थी सजा
ML MLA की विधानसभा सदस्या खत्म, उम्रकैद की मिली थी सजा। 13 फरवरी को आरा की अदालत ने हत्या के मामले में 23 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
भाकपा माले के युवा विधायक मनोज मंजिल की विधानसभा सदस्यता खत्म कर दी गई है। बीते 13 फरवरी को आरा की एक अदालत ने उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई थी। उन्हें हत्या के एक मामले में सजा सुनाई गई थी। इस केस में सभी 23 आरोपितों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। मामला 2015 का है। तब माले कार्यकर्ता सतीश यादव की हत्या हो गई थी। बाद में इसी इलाके के जय प्रकाश सिंह की हत्या हुई थी। नामजद ओरोपियों में मनोज मंजिल का नाम भी था।
मनोज मंजिल 2020 विधानसभा चुनाव में भोजपुर के अगियांव (सुरक्षित) सीट से विधानसभा चा कुनाव जीते। उन्हें सजा सुनाए जाने के खिलाफ माले ने राज्यभर में प्रतिवाद किया। माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने भी विरोध जताया। उन्होंने कहा कि मनोज मंजिल को राजनीतिक विद्वेष के कारण इस केस में फंसाया गया। उन्होंने यह भी कहा कि मनोज मंजिल को न्याय दिलाने के लिए पार्टी संघर्ष करेगी। पार्टी ने कहा है कि निचली अदालत के फैसले को पार्टी उच्च न्यायालय में सुनौती देगी।
पार्टी के पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेंद्र झा ने कहा कि भारत के न्यायपालिका के इतिहास में #विधायक_मनोज_मंजिल सहित 23 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सामंती ताकतों_ दलित विरोधी तंत्र की बड़ी साजिश के बतौर दर्ज हुई है! लाश आइडेंटिफाई नहीं हुआ, डीएनए रिपोर्ट नहीं आई, और सजा सुना दी गई! दलित जनसंहारों के सैकड़ों अभियुक्तों को बरी कर दिया गया? इससे पहले उन्होंने कहा कि भाकपा माले के युवा विधायक #खेग्रामस_aiarla के राज्य अध्यक्ष मनोज मंजिल को झूठे मुकदमे में आजीवन कारावास की सजा सुनाना दलित_गरीबों की आवाज को तंत्र के जरिए दबाना है।सड़क पर स्कूल आंदोलन,दलित_गरीबों के वास_आवास आंदोलन की अगुवाई कर रहे थे। कोरोना काल में मरीजों की सेवा का चेहरा!
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