पूर्व चीफ जस्टिस Ranjan Gogoi के राज्यसभा में मनोनयन पर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मार्कंडेय काटजु (Markandey Katju) ने कहा है कि मैंने अपने करियर में उनके जैसे बेशर्म व यौन विकृत जज नहीं देखा.
मार्कंडेय काटजु ने ट्विट करते हुए कहा है कि मैं बीस वर्षों तक वकील रहा और इतने वर्षों तक जज भी रहा. इस दौरान मैं अनेक अच्छे और बुरे जजों को जाना. लेकिन मैंने भारतीय न्यायपालिका में रंजन गोगोई जैसा बेशर्म और यौन विकृत जज नहीं देखा.
(Markandey Katju) काटजु ने यह भी कहा है कि दुनिया की शायद ही कोई बुराई हो जो रंजन गोगोई में न हो.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के पद से पिछले वर्ष नवम्बर में रिटायर हुए Ranjan Gogoi को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राज्यसभा सदस्य के रूप में मनोनीत किया है. रंजन गोगोई ही वह जज हैं जिन्होंने बाबरी मस्जिद मामले में फैसला सुनाया था. गोगोई की ही बेंच ने राफेल खरीद में भ्रष्टचारा के मामले में जांच की जरूरत से रोकने का फैसला सुनाया था.
रंजन गोगोई के राज्यसभा में मनोनयन के बाद भाजपा छोड़ तमाम दलों ने सख्त आलोचना की है.
उधर जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष पप्पू यादव ने ट्विट कर कहा कि ने पूर्व चीफ जस्टिस रानजन गोगोई के राज्यसभा मनोनयन पर उनका नाम लिए बिना टिव्ट करते हुए कहा-“जात भी गंवाए और भात भी न खाए कम-से-कम राष्ट्रपति-उपराष्ट्रपति तो बनते लंगोट से ही नहीं, सौदेबाजी में भी कमजोर न्याय को कर दिया बेआबरू”
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गोगोई ने मंगलवार को इस बारे में मीडिया के सामने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, “मैं शायद कल दिल्ली जाऊंगा। पहले मुझे शपथ लेने दीजिए फिर मैं विस्तार से मीडिया से बात करूंगा कि मैं क्यों राज्यसभा जा रहा हूं।”
रंजन गोगोई ने 3 अक्टूबर 2018 से लेकर 17 नवंबर 2019 तक देश के चीफ जस्टिस की जिम्मेदारी संभाली। करीब साढ़े 13 महीने के अपने कार्यकाल में गोगोई कई बार विवादों में घिरे। वह उन चार जजों में एक रहे जिन्होंने रोस्टर विवाद को लेकर ऐतिहासिक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसके अलावा, उनपर यौन उत्पीड़न के भी आरोप लगे।