मेरी छवि खराब करने के लिए कुछ ने दी सुपारी : PM
केजरीवाल ने 25 हजार जुर्माना लगाए जाने के दूसरे दिन फिर पीएम की डिग्री दिखाने की मांग की। उधर, पीएम बोले मेरी छवि खराब करने के लिए कुछ ने दी सुपारी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शायद पहली बार कहा कि उनकी छवि खराब करने के लिए कुछ लोगों ने देशी-विदेशी ताकतों को सुपारी दी है। वे भापाल में वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाने केे अवसर पर सभा को संबोधित कर रहे थे। उधर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुजरात की अदालत द्वारा 25 हजार जुर्माना लगाए जाने के दूसरे दिन ही फिर प्रधानमंत्री की डिग्री दिखाने की मांग कर दी। अभी तक उन्होंने 25 हजार रुपए जुर्माना भरने के मामले में भी कुछ नहीं कहा है। यह चर्चा जोरों में है कि केजरीवाल जुर्माना नहीं भरेंगे। तब क्या होगा, क्या उन्हें जेल में डाला जाएगा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस का नाम लिये बिना कहा कि कुछ लोगों ने उनकी छवि खराब करने के लिए देशी-विदेशी ताकतों को सुपारी दे रखी है। मालूम हो कि राहुल गांधी ने लंदन में कहा था कि भारत का लोकतंत्र खतरे में है। लोकसभा से उनकी सदस्यता खत्म किए जाने को लेकर भी विदेशी अखबारों में लगातार सामग्री छप रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उनकी छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन देश के दलित, पिछड़े, आदिवासी और समुदाय के लोग उनके रक्षा कवच बन गए हैं। इस बीच यूरोपियन यूनियन ने कहा है कि उसकी राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता समाप्त करने के मामले पर नजर है।
EU Says it Is Closely Following Case Against Rahul Gandhi and His 'Dismissal' From Parliament https://t.co/c6VAwtHZlz
— ParanjoyGuhaThakurta (@paranjoygt) April 1, 2023
उधर आम आदमी पार्टी ने प्रधानमंत्री मोदी की डिग्री पर शनिवार को भी सवाल उठाए। जिस डिग्री को गृह मंत्री अमित शाह ने दिखाया था, उस पर आप सांसद संजय सिंह ने नया सवाल खड़ा कर दिया। उन्होंने सीधे-सीधे पीएम की डिग्री को फर्जी करार दिया। ट्विट किया-PM की डिग्री फर्जी है। गुजरात विश्वविद्यालय की जो डिग्री मोदी जी की दिखाई जा रही है व प्रमाण पत्र पर जिस “लिपि शैली” में Master लिखा है वो “लिपि शैली” ही 1992 में आई जबकि मोदी जी की डिग्री तो 1983 की बताई जा रही है।
PM की डिग्री फर्जी है।
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) April 1, 2023
गुजरात विश्वविद्यालय की जो डिग्री मोदी जी की दिखाई जा रही है व प्रमाण पत्र पर जिस “लिपि शैली” में Master लिखा है वो “लिपि शैली” ही 1992 में आई जबकि मोदी जी की डिग्री तो 1983 की बताई जा रही है। pic.twitter.com/cFK6GtNuSX
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