राजद के राज्यसभा सांसद संजय यादव ने संसद में बिहार से रिकॉर्डतोड़ पलायन के संबंध में प्रश्न पूछा कि क्या यह सच नहीं है कि बिहार में रोजगार एवं नौकरी के विकल्प नहीं होने के कारण बिहारवासियों को दूसरे राज्यों में पलायन करना पड़ता है? उन्होंने नौकरी-रोजगार के लिए दूसरे प्रदेशों में बिहार से पलायन करने वाले लोगों की कुल संख्या भी पूछी?

संजय यादव ने बड़ी संख्या में बिहार से पलायन करने वाले श्रमिकों के जीवन स्तर पर भी सरकार से सवाल किया जिसमें उन्होंने पूछा कि क्या यह सच नहीं है कि श्रम कानून के धरातल पर नहीं उतर पाने के कारण बिहार के श्रमिकों को अमानवीय स्थिति में अपने मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य की अनदेखी कर दूसरे राज्यों में रहना पड़ता है? श्री संजय यादव जी ने ऐसे प्रवासी श्रमिकों के कल्याण, सुरक्षा और अच्छे भविष्य के लिए सरकार की योजनाओं का भी विवरण माँगा।

इस पर माननीय केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री ने पलायन के आश्चर्यजनक आँकड़े देते हुए कहा की बिहार से 2.9 करोड़ से अधिक बिहारवासी हर वर्ष दूसरे राज्यों में पलायन करते हैं। और यह संख्या पलायन करने वाले केवल उन्हीं लोगों की है जिन्होंने ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण करवाया है।

जानकारों के अनुमान अनुसार पलायन करने वाले श्रमिकों की वास्तविक संख्या 2.9 करोड़ से डेढ़ गुना अधिक हो सकती है क्योंकि बहुत से श्रमिक विभिन्न कारणों से ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण नहीं करवा पाते हैं।

———-

मिल्लत बचाओ-मुल्क बचाओ रैली करेगा यूनाइटेड मुस्लिम मोर्चा

———–

इसके अलावा मा० मंत्री ने कहा कि प्रवासी कामगारों के हितों की रक्षा के लिए अंतराज्यीय प्रवासी कर्मकार (नियोजन एवं सेवा शतों का विनियमन) अधितनयम, 1979 लागू किया गया है। इस अधिनियम को अब व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य दशाएं (ओएसएच) संहिता , 2020 में शामिल कर लिया गया है। यह संहिता सभी श्रेणी के कामगारों को हर प्रकार के दुर्व्यवहार और शोषण से संरक्षण और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करती है। किंतु यह संहिता अभी तक लागू नहीं हुई है। केंद्र तथा राज्य सरकार का पलायन रोकने तथा पलायन करने वाले श्रमिकों के जीवन स्तर के बारे में गंभीर नहीं होना चिंताजनक है।

PK ने लगा दी मुसलमानों की बोली, छिड़ी बहस

 

By Editor


Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home/naukarshahi/public_html/wp-includes/functions.php on line 5427