मिलिए बिहार रणजी टीम के स्टार खिलाड़ी बाबुल से
बाबुल कुमार बिहार रणजी टीम के खिलाड़ी हैं। जब उनसे पूछा गया कि कोई क्रिकेटर बनना चाहे, तो उसे किन बातों पर ध्यान देना चाहिए, तो जानिए क्या कहा बाबुल ने।
कुमार अनिल
बाबुल कुमार कल ही अहमदाबाद से लौटे हैं। वे वहां सैयद मुश्ताक अली टी-20 टूर्नामेंट खेल कर लौटे हैं। बिहार की टीम टूर्नामेंट के क्वार्टर फाइनल तक पहुंची थी।
यह पूछने पर कि अगर कोई स्कूली छात्र क्रिकेटर बनना चाहता है, खासकर बल्लेबाज बनना चाहता है, तो उसे किन-किन बातों पर ध्यान देना चाहिए, बाबुल कहते हैं-दो बातों पर ध्यान देना जरूरी है। पहला टेक्निक और दूसरा है फिटनेस।
टेक्निक ऐसी चीज है, जो बचपन में सीखी, तो वह आगे तक आपके साथ रहती है। बाद में आप अपनी टेक्निक को इंप्रूव (सुधार) कर सकते हैं, पर पूरी तरह बदलकर नई टेक्निक हासिल नहीं कर सकते। टेक्निक को विस्तार से समझाने को कहने पर बाबुल कहते हैं कि कई बार कोई खिलाड़ी आफ साइड की गेंद को अच्छे से खेलता है, सहज होकर खेलता है, लेकिन वही खिलाड़ी लेग साइड की गेंद पर सहज नहीं रह पाता या अच्छे से नहीं खेल पाता, तो इसकी वजह उसकी टेक्निक की खामी है। इसलिए अपनी बैटिंग बेसिक्स पर ध्यान दें।
यह पूछने पर कि टेक्निक और फिटनेस में कौन सबसे ज्यादा जरूरी है, बाबुल हंस पड़ते हैं। कहते हैं कि केवल फिटनेस लेकर क्या करेंगे। मूल है टेक्निक, स्किल, हां, इसके साथ ही फिटनेस पर भी ध्यान दें। बाबुल बताते हैं कि क्रिकेट 90 प्रतिशत माइंड गेम है और 10 प्रतिशत में स्किल आदि आते हैं। इसका मतलब है कि क्रिकेटर बनने के इच्छुक किशोर को दिमागी तौर पर बहुत मजबूत होना चाहिए।
बिहार टीम लौटी, खिलाड़ियों ने मैच हारा, पर नहीं हारी हिम्मत
मांइड गेम के कई उदाहरण हैं। ज्यादा पहले जाने की जरूरत नहीं। अभी आस्टेलिया में भारतीय टीम ने जिस तरह अंतिम मैच जीता, वह दिमागी तौर पर मजबूती, दृढ़ता का जीता-जागता उदाहरण है। आस्ट्रेलिया भी माइंड गेम खेल रहा था, पर उसकी दिशा नकारात्मक थी।
बाबुल कुमार अब तक 20 रणजी मैच खेल चुके हैं। उन्हें आज भी याद है बिहार की तरफ से पहले मैच में ही उन्होंने सेंचुरी बनाई थी। नगालोंड के खिलाफ मैच था। लक्ष्य 250 रन का था, जिसमें उन्होंने 121 रन बनाए थे। 2020 में तमिलनाडु की मजबूत टीम के खिलाफ भी उन्होंने सेंचुरी ठोकी थी।