जमुई के विधायक बंटी चौधरी के भड़काऊ पोस्ट और डीएम व एसपी की लापरवाही ने शहर में तनाव का माहौल पैदा कर दिया है. बीती रात आपसी कहा-सुनी और पत्थरबाजी को धर्म से जोड़ने पर अफवाह फैली और रविवार सुबह को आगजनी की गयी.
गौरतलब है कि शनिवार को जुलूस के दौरान कुछ युवकों ने आपस में पत्थरबाजी कर दी. उसके बाद रविवार सुबह को स्थानीय विधायक ने फेसबुक पर पोस्ट डाला जिसमें कुछ तस्वीरें थी. हालांकि पांच घंटे के बाद विधायक बंटी चौधरी ने तीन तस्वीरों में से एक को हटा लिया लेकिन तबतक सैकड़ों लोगों की प्रतिक्रिया आ चुकी थी. विधायक ने हालांकि पोस्ट में आपत्तिजनक कंटेंट नहीं डाला था पर तस्वीर भड़काऊ थी.
दूसरी तरफ जिला के डीएम कौशल किशोर और एसपी जयंत कांत दशहरा और मुहर्रम एक साथ होने की संवेदनशीलता को गंभीरता से लेने के बजाये परिवार के साथ मेला घूमने निकल पड़े थे. लेकिन रविवार सुबह आगजनी की घटना हो गयी. इसके बाद पुलिस हरकत में आयी.
जमुई से पत्रकार मुकेश कुमार ने नौकरशाही डॉट कॉम को सूचना दी है कि माहौल बिगड़ जाने के बाद पुलिस उत्पात मचाने वालों पर लगाम लगाने के बाजाये राहगीरों पर लाठिया बरसा रही थी. उन्होंने कहा कि प्रशासन के ढुल-मुल रवैये के कारण जमुई में शांति भंग हुई. उन्होंने बताया है कि इमामबाड़े के निकट उपद्रवियों ने आगजनी भी की है.
उधर सामाजिक कार्यकर्ता फैसल सुलतान ने विधायक बंटी चौधरी के भड़काऊ पोस्ट पर आला अधिकारियों से शिकायत की है. बंटी चौधरी ने जब महसूस कर लिया कि उनके पोस्ट से स्थानीय लोगों में रोष है तो उन्होंने अपने पोस्ट से भावनायें भड़काने वाली एक तस्वीर हटा ली और उसके बाद दो पोस्ट और किये जिसमें दोनों समुदायों को आपस में मेल-मिलाप से रहने का संदेश दिया है.