MLC सुनील सिंह की विधान परिषद सदस्यता खत्म कर दी गई है। उन पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नकल करने का आरोप था। विधान परिषद की आचार समिति ने जांच जांच रिपोर्ट के आधार पर उनकी सदस्यता खत्म कर दी गई। समिति ने उनके व्यवहार को असंसदीय माना। इधर राजद ने विधान पार्षद सुनील सिंह की सदस्यता खत्म करने पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी ने इसे बिहार के इतिहास में काला दिन कहा है।
इसी मामले में राजद के एक अन्य सदस्य को दो दिनों के लिए निलंबित किया गया है। आचार समिति की रिपोर्ट आने के बाद सभापति अवधेश नारायण सिंह ने सुनील कुमार सिंह की सदस्यता रद्द करने का आदेश दिया। मालूम हो कि दो दिन पहले ही अवधेश नारायण सिंह सभापति निर्वाचित हुए हैं।
इधर राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष सुनील कुमार सिंह की बिहार विधान परिषद की सदस्यता समाप्त किए जाने का निर्णय संसदीय इतिहास का काला अध्याय है।
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राजद प्रवक्ता ने कहा कि सुनील कुमार सिंह का पक्ष सुने बिना एकपक्षीय कार्रवाई कर सत्ता में बैठे लोगों ने अपने तानाशाही और सामंतवादी मानसिकता का परिचय दिया है। सत्ता और बहुमत के बल पर विपक्ष को डराया जा रहा है कि कोई भी सदस्य सरकार की गलत कामों का सदन के अन्दर विरोध नहीं करे। इसी सदन में सदन के नेता द्वारा महिलाओं के बारे में कैसे अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया गया, अभी दो दिन पहले निचले सदन में एक दलित महिला के खिलाफ अशोभनीय टिप्पणियां की गई आसन द्वारा उसपर कोई संज्ञान नहीं लिया गया। पर जब विपक्ष का कोई सदस्य सरकार के नीतियों और उसकी नाकामियों की आलोचना करता है तो तथाकथित अनुशासन के आड़ में सारे लोकतांत्रिक मर्यादाओं को तोड़ते हुए अनुचित प्रक्रिया के द्वारा उसकी सदस्यता समाप्त कर दी जाती है। सत्ता पक्ष के इस लोकतंत्र विरोधी फैसले के खिलाफ जनता इसका माकूल जवाब देगी।