मोबाइल में जासूस : 3 राष्ट्रपति, 10 प्रधानमंत्री भी थे निशाने पर
मोबाइल में घुसकर जासूसी करने के मामले में नया धमाका हुआ है। द वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार एक किंग, तीन राष्ट्रपति, 10 पीएम भी थे निशाने पर।
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इजराइली सॉफ्टवेयर के जरिये सरकार पत्रकारों, नेताओं, जजों, अधिकारियों की जासूसी करने के मामले में अमेरिकी अखबार द वाशिंगटन पोस्ट की खबर ने नया धमाका कर दिया है। अखबर लिखता है कि Pegasus Project जिन 50 हजार फोन नंबरों की जांच कर रहा है, उनमें अब तक सौ से अधिक राजनेता, अधिकारी सहित अन्य पब्लिक फीगर की जासूसी करने का मामला सामने आया है।
अखबार लिखता है कि इजराइली साफ्टवेयर (spyware) के जरिये जिन खास लोगों की जासूसी की कोशिश की गई, उनमें तीन वर्तमान राष्ट्रपति फ्रांस के इमानुएल मैक्रों, इराक के बरहम सलीह, और साउथ अफ्रीका के साइरिल रमाफोसा शामिल हैं। इसके साथ ही तीन वर्तमान प्रधानमंत्री पाकिस्तान के इमरान खान, इजिप्ट के मुस्तफा मडबोली और मोरक्को के साद-इदीन-अलओथमानी शामिल हैं।
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सात पूर्व प्रधानमंत्रियों के मोबाइल में घुसकर जासूसी की कोशिश की गई। यमन के अहमद ओबेद बिन दघर, लेबनान के साद हरीरी, यूगांडा के रुहाकाना रुगुंडा, फ्रांस के एडुअर्ड फिलिप, कजाखिस्तान के बकितझान सागिनतायेव सहित अन्य शामिल हैं। समझा जा रहा है कि अभी इस दिशा में और भी खुलासे होंगे।
मोबाइल में घुसकर जासूसी करने के मामले को भारत सरकार अबतक खारिज कर रही है, लेकिन इसी गंभीरता को देखते हुए फ्रांस में जांच शुरू हो गई है। इससे पहले राफेल में दलाली के आरोप को भी बारत सरकार ने खारिज कर दिया था, पर फ्रांस में इसी जांच के लिए पहले ही एक जज को नियुक्त कर दिया गया है।
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भारत में विपक्षी दल खासकर कांग्रेस ने जासूसी मामले को जोरःशोर से उठाया है। पार्टी प्रधानमंत्री मोदी से मांग कर रही है कि वे बताएं कि इजराइली कंपनी से जासूसी के सॉफ्टवेयर सरकार ने खरीदे या नहीं।