इर्शादुल हक, संपादक, नौकरशाही डॉट कॉम
गोदी मीडिया झूम रहा है. अपने पाठकों/ दर्शकों को भी झूमा रहा है. बिहार के सत्ताधारी नेता भी झूमने का नाटकी मंचन कर रहे हैं. यह उनकी मजबूरी है. सब के सब कहे जा रहे हैं. भई क्या बजट है. लाजवाब. गौदी चैनल तो इस आम बजट को बिहार का बजट तक बता रहे हैं.
पर बिहार को मिला क्या? हकीकत जानिये. हकीकत जानिएगा तो तो आपकी उम्मीदें औंधे मुंह गिर जायेंगी.
बजट की तैयारियों के समय नीतीश कुमार ने डेढ़ लाख करोड़ की योजनाओं की सूची भेजी. इसमें 48 हजार करोड़ रुपये इंफ्रस्ट्रक्चर के लिए. 24 हजार करोड़ रुपये बाढ़ की समस्या से निपटने के लिए. कोसी, गंडक, कमला जैसी नदियों से तबाही से बचने के स्थाई समाधान की मांग वर्षों से की जा रही है. साथ ही दरभंगा एयरपो्रट को अंतरराष्ट्रीय बनाने, राजगीर, भागलपुर में एयरपोर्ट की मांंगों जैसी अनेक मांग थी.
इन तमाम मांगों को मोदी ने सीधे कूड़ेदान में फेकवा दिया. तो मिला क्या ?
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2025 का बजट आम आदमी, किसानों और गरीबों को संबल देनेवाला : एपी पाठक
एक मखाना बोर्ड, एक इंस्टिच्यूट ऑफ फूड टेक्नालॉजी, पटना एयरपोर्ट ओर आईआईटी का विस्तार. बस. इसकी कुल लागत हजार करोड़ भी हो तो बहुत है.
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बजट पर बोले तेजस्वी मोदी ने गुजरात को सब दिया, बिहार को दिया ठेंगा
मतलब नीतीश ने जो मांगा, उसका एक प्रतिशत भी नहीं मिला. और गोदी मीडिया आपको झुमा रहा है. इस पूरी खबर को विस्तार से समझिए. #HaqKiBaat यूट्यूब चैनल देखिए. https://youtu.be/sRFkWhM378w?si=DXrlSfAqAY9mIH0W