मोदी के साथ सिर्फ मायावती, पढ़िए दस नेताओं की तीखी प्रतिक्रिया
PM द्वारा संसद भवन का खुद उद्घाटन अब राष्ट्र के स्वाभिमान, लोकतंत्र व आदिवासी राष्ट्रपति के सम्मान से जुड़ गया है। पढ़िए 7 बड़े नेताओं की तीखी प्रतिक्रिया।
देश की प्रथम नागरिक राष्ट्रपति के हाथों संसद भवन का उद्घाटन न करा कर प्रधानमंत्री ने खुद उद्घाटन करने का निर्णय लिया। इस अवसर के लिए राष्ट्रपति मूर्मू को आमंत्रित तक नहीं किया गया। आमंत्रण कार्ड पर सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी का नाम है। नीचे लोकसभा अध्यक्ष का नाम। बस। यह कार्ड भी वायरल हो गया है। 19 दलों ने समारोह के बहिष्कार की लिखित घोषणा कर दी है। ले-दे कर फिलहाल एक मायावती ही भाजपा के साथ हैं। अभी तक उन्होंने कोई बयान नहीं दिया है। इस मामले पढ़िए देश के 7 बड़े नेताओं के बयान।
अहंकार की ईंटों से नहीं बनती संसद
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा-राष्ट्रपति से संसद का उद्घाटन न करवाना और न ही उन्हें समारोह में बुलाना – यह देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद का अपमान है। संसद अहंकार की ईंटों से नहीं, संवैधानिक मूल्यों से बनती है।
राजद नेता और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा-नए संसद भवन का राष्ट्रपति की जगह प्रधानमंत्री के उद्घाटन कराना राष्ट्रपति का अपमान है!
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा-भाजपाईयों द्वारा संसद के दिखावटी उद्धाटन से नहीं, बल्कि वहाँ पर लिखे ‘श्लोकों’ की मूल भावना को समझकर, सभी को सुनने व समझने का बराबर अवसर देना ही सच्ची संसदीय परंपरा है। जहाँ सत्ता का अभिमान हो परंतु विपक्ष का मान नहीं, वो सच्ची संसद हो ही नहीं सकती, उसके उद्धाटन में क्या जाना।
भाजपाईयों द्वारा संसद के दिखावटी उद्धाटन से नहीं, बल्कि वहाँ पर लिखे ‘श्लोकों’ की मूल भावना को समझकर, सभी को सुनने व समझने का बराबर अवसर देना ही सच्ची संसदीय परंपरा है। जहाँ सत्ता का अभिमान हो परंतु विपक्ष का मान नहीं, वो सच्ची संसद हो ही नहीं सकती, उसके उद्धाटन में क्या जाना। pic.twitter.com/mytLLuLKJo
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) May 24, 2023
आप के मुखर नेता और सांसद संजय सिंह ने कहा-नई संसद के उद्घाटन में देश की राष्ट्रपति को नहीं आमंत्रित करना..ये आदिवासी समाज, दलित समाज, पिछड़े समाज का अपमान है और ये प्रदर्शित करता है कि बीजेपी की मानसिकता आदिवासी, दलित और पिछड़ा विरोधी है, वरना संसद के उद्घाटन में अगर आप राष्ट्रपति को ही नहीं बुला रहे हैं तो फिर आप क्या संदेश देना चाहते हैं? AAP पार्टी इस कार्यक्रम का बहिष्कार करेगी और हम लोग इस कार्यक्रम में नहीं जाएंगे।
तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा-भारत में वरीयता के अनुसार पहले नंबर पर राष्ट्रपति होते या होती हैं। दूसरे नंबर पर उप राष्ट्रपति और तीसरे नंबर पर प्रधानमंत्री होते हैं। मोदी सरकार इस वरीयता का उल्लंघन कर रही है। यह मोदी जी का गृह प्रवेश नहीं है कि अपने पैसे से बनाया और खुद गृह प्रवेश कर लिया।
शिव सेना (उद्धव) के प्रवक्ता संजय राउत ने कहा-द्रौपदी मूर्मू को आदिवासी महिला के नाम पर राष्ट्रपति बनाया, लेकिन उन्हें ‘राष्ट्रपति भवन’ से बाहर तक नहीं आने देती है मोदी सरकार।
यूपी की राष्ट्रीय लोकदल प्रमुख और सांसद जयंत चौधरी ने कहा-नए संसद भवन के उद्घाटन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी को दरकिनार करना न केवल पद का अपमान है बल्कि लोकतांत्रिक व्यवस्था से उम्मीद रखने वाले आदिवासी समाज पर भी प्रहार है। #RLD समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों के साथ संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करता है।
इन सात नेताओं के अलावा विभिन्न नेताओं के बयान भी खास हैं। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा-आप अपने मंत्रियों को दरकिनार करके हर जगह खुद फीता काटने पहुंच जाते हो। वो बेचारे एतराज नहीं कर पाते। लेकिन आप आदरणीया महामहिम का अपमान करके, संसद भवन का फीता खुद काटना चाहते हो, ये हमें स्वीकार नहीं है। हम आपके इस तमाशे के भागीदार नहीं बनेंगे, आपको शुभकामनाएं।
नए संसद भवन के उद्घाटन के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी को पूरी तरह से दरकिनार करना न केवल महामहिम का अपमान है बल्कि लोकतंत्र पर सीधा हमला भी है।
— Congress (@INCIndia) May 24, 2023
जब लोकतंत्र की आत्मा को ही संसद से निष्कासित कर दिया गया है, तो हमें नई इमारत में कोई मूल्य नहीं दिखता। हम नए संसद भवन के… pic.twitter.com/TTJnNFC2rG
फंस गए मोदी : राष्ट्रपति का अपमान मुद्दा, 19 दल करेंगे बहिष्कार