प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दस वर्षों में उन्होंने जाति और धर्म के आधार पर किसी के साथ भेदभाव नहीं किया। उन्होंने खुद सोशल मीडिया एक्स पर अपने भाषण का वीडियो शेयर किया। उनके ट्वीट के नीचे पब्लिक ने उन्हें रगड़ दिया। ऐसे-ऐसे सवाल किए, जो प्रधानमंत्री मोदी के इस दावे को बेनकाब कर देते हैं। प्रधानमंत्री के टाइमलाइन पर पब्लिक की प्रतिक्रिया देखना रोचक है।
प्रधानमंत्री का यह कहना कि उन्होंने दस वर्षों में जाति और धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया मजाक बन गया। उनके ट्वीट के नीचे गौरव यादव ने लिखा-इसीलिए आपकी पार्टी ने किसी मुस्लिम को प्रत्याशी नहीं बनाया। आजाद परिंदा नाम के यूजर ने लिखा फिर भी हिंदू-मुस्लिम के नाम पर चुनाव लड़ा जा रहा है।
एक रोचक प्रतिक्रिया प्रवीण कुमार की है। उन्होंने प्रधानमंत्री के ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा-इतनी जल्दी कोई अपने झूठ को भी झूठ बना देता है। दुनिया में इतना बड़ा झूठा आदमी किसी ने नहीं देखा होगा। राहुल बाजीगर ने लिखा है इतना झूठ कैसे बोल लेते हो। एक ने प्रधानमंत्री से पूछा कि आप किस कामकाज की चर्चा कर रहे हैं। एक ने लिखा दुनिया में इतना झूठा प्रधानमंत्री दूसरा नहीं हुआ। प्रेम सिंह ने तीखा लिखा है। लिखा-गिररिट भी आपके आगे शर्मिंदा है। जय हो। एडवोकेट राजीव शर्मा ने लिखा-पहले चरण के मतदान तक भ्रष्टाचार को मुख्य मुद्दा बनाया।लोगों ने कहा – “मोदी तेरी भाजपा मैली हो गयी भ्रष्टाचारियों को शामिल करते करते।” लेकिन मुद्दा नही बना तो पैतरा बदला और दूसरे चरण से पहले मुसलमान,महिला और मंगलसूत्र पर दाँव खेला। यह भी फ्लॉप रहा।
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प्रधानमंत्री के ट्वीट के नीचे एक और बात ध्यान खींचनेवाली है। पहले प्रधानमंत्री के किसी भी ट्वीट के नीचे राहुल गांधी का मजाक उड़ानेवाले पहुंच जाते थे, लेकिन यहां उल्टा है। प्रधानमंत्री के ट्वीट के नीचे राहुल गांधी के पक्ष में ट्वीट किए गए हैं। इंडिया गठबंधन की सरकार बनने की अग्रिम बधाई देनेवाले ट्वीट भी देखे जा सकते हैं।