मोदी ने फरवरी में रिहाई मांगी, अप्रैल में विरोध, जदयू ने कहा गिरगिट

भाजपा सांसद सुशील मोदी ने फरवरी में राज्य सरकार से आनंद मोहन की रिहाई की मांग की थी। अब दो महीने बाद कानून की बलि कह रहे। जदयू ने कहा गिरगिट।

सोशल मीडिया से लेकर अखबारों में रोज बयान देने वाले भाजपा सांसद सुशील मोदी फंस गए हैं। 14 फरवरी को उनका बयान अखबारों में छपा था जिसमें उन्होंने राज्य की नीतीश सरकार से आनंद मोहन की रिहाई की मांग की थी। कहा था कि सरकार को आनंद मोहन की रिहाई के लिए पहल करनी चाहिए। अब दो महीने में ही वे पलट गए हैं। जब उनकी ही मांग को राज्य सरकार ने पूरा कर दिया, तब कह रहे बाहुबली की रिङाई के लिए राज्य सरकार ने कानून की बलि दे दी है। उनके इस ताजा बयान पर जदयू ने उन्हें गिरगिट कहा है। भाजपा को बिलकिस बानो की भी याद दिलाई है।

जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ महीने पूर्व तक सुशील मोदी जी बिहार सरकार से आनंद मोहन के रिहाई की मांग कर रहे थे और आज जब सरकार द्वारा सवैंधानिक प्रक्रियाओं के तहत आनंद मोहन की रिहाई सुनिश्चित की गई है तो सुशील मोदी जी को उसी आनंद मोहन में दुर्दांत अपराधी नजर आने लगा है।

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा बिलकिस बानो के साथ बलात्कार जैसी जघन्य अपराध को अंजाम देने वाले दोषियों की रिहाई पर जश्न मनाने वाली भाजपा से हमें नैतिकता का ज्ञान बिल्कुल नहीं चाहिए। जनता यह भी जानती है कि उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठते ही अपने ऊपर दर्ज सभी मुकदमों को ख़त्म करवा दिया था इसीलिए भाजपा से हमें ही इतना कहना है कि जिनके खुद के घर शीशे के होते हैं दूसरों के घरों पर क़भी पत्थर नहीं फेंका करते।

आगे उन्होंने कहा कि भाजपा में भी कई ऐसे वरिष्ठ नेतागण हैं जिन्होंने आनंद मोहन की रिहाई को जायज़ ठहराया है लेकिन उनकी रिहाई से सुशील मोदी के पेट में ही सबसे दर्द उखड़ा हुआ है। आज आनंद मोहन पर उनका दोहरा व्यक्तवय सुनकर बेशक गिरगिट भी हैरान हो रहा होगा।

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By Editor


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