पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि मोदी सरकार की भेदभावपूर्ण नीतियों तथा अक्षमता के कारण देश आर्थिक मंदी के संकट में फंस गया है जिसके चलते लोगों की उम्मीद धूमिल हुई हैं और उनका भविष्य अंधकारमय दिखायी देता है।
डॉ सिहं ने गुरुवार को यहां एक कार्यक्रम में कहा कि देश में मंदी के चलते ही चीन से आयात तेजी से बढा है। इस अवधि में आयात 1.22 लाख करोड़ रुपए बढा है।
देश में निवेश नहीं हो रहा है जिसके कारण रोजगार का संकट बढ रहा है और युवा कम पैसे में काम करने को मजबूर है। ग्रामीण क्षेत्रों में निराशा का माहौल और बेरोजगारी लोगों को भटकने के लिए मजबूर कर रही है।
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पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार लाने की जरूरत है और इसके लिए सरकार को कदम उठाने चाहिए। उन्होंने कहा “मैंने अभी-अभी वित्तमंत्री निर्मला सीतारम का एक बयान देखा है, मैं उस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा, लेकिन मैं केवल यह बता सकता हूं कि अर्थव्यवस्था को ठीक करने के लिए बीमारियों और उनके कारणों का सही निदान करने की आवश्यकता होगी।”
“मैंने अभी-अभी वित्तमंत्री निर्मला सीतारम का एक बयान देखा है, मैं उस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा, लेकिन मैं केवल यह बता सकता हूं कि अर्थव्यवस्था को ठीक करने के लिए बीमारियों और उनके कारणों का सही निदान करने की आवश्यकता होगी।”
उन्होंने कहा कि इस मंदी का सबसे बुरा प्रभाव महाराष्ट्र में दिखायी दिया है। राज्य में पिछले पांच साल के दौरान सबसे अधिक फैक्ट्रियां बंद हुई हैं और चार साल से लगातार विनिर्माण की विकास दर घट रही है।
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रसायन एवं उर्वरक, इलेक्ट्रानिक सामान तथा आटोमोबाइल क्षेत्र में आयात 1.22 लाख करोड रुपए बढा है। डबल इंजिन वाली सरकार का खूब प्रचार किया किया गया लेकिन महाराष्ट्र में यह डबल इंजन फेल साबित हुआ है।