उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने अनुसूचित जाति (एससी)-अनुसूचित जनजाति (एसटी) अत्याचार अधिनियम को और मजबूत बनाया है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता श्री मोदी ने यहां राज्यस्तरीय रविदास कार्यकर्ता सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद कहा कि मोदी सरकार ने एससी-एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम में 23 और नई धाराओं को जोड़ कर उसे और मजबूत बनाया है। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा इस अधिनियम की शिथिल की गई कुछ धाराओं को संसद में विधेयक पारित कर पुनस्र्थापित किया, जिसे बाद में सर्वोच्च न्यायालय ने भी वैघ माना।
श्री मोदी ने कहा कि दलित उत्पीड़न के मामले में मुआवजे की राशि में 25 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गई है। भाजपा एससी-एसटी के लिए प्रोन्नति में आरक्षण के पक्ष में वहीं क्रीमी लेयर के विरोध में है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में तोड़े गए रविदास मंदिर की लड़ाई केन्द्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय में लड़ी और मंदिर निर्माण के लिए 400 मीटर जमीन तुगलकाबाद में उपलब्ध कराया है, जिस पर बहुत जल्द निर्माण शुरू होगा।
भाजपा नेता ने कहा कि दुष्प्रचार किया जाता है कि भाजपा आएगी तो आरक्षण खत्म कर देगी, हकीकत है कि जब तक समाज में भेदभाव है आरक्षण जारी रहेगा। उन्होंने दावा किया कि केन्द्र में नरेन्द्र मोदी और अमित शाह की सरकार के रहते आरक्षण को कोई छू भी नहीं सकता है।
श्री मोदी ने कहा कि लालू-राबड़ी की सरकार ने वर्ष 2003 में संविधान की अवहेलना कर एकल पदों पर एससी-एसटी समुदाय के लोगों को आरक्षण दिए बिना पंचायत का चुनाव करा दिया। वहीं, वर्ष 2006 में जदयू-भाजपा की सरकार ने 16 प्रतिशत आरक्षण देकर चुनाव कराया, नतीजतन आज करीब तीन हजार मुखिया, सरपंच व प्रमुख दलित समाज से चुन कर आए हैं।
भाजपा नेता ने कहा कि गरीबों के नाम पर आंसू बहाने वाले राष्ट्रीय जनता दल-कांग्रेस सरकार के 15 वर्षों के कार्यकाल में बथानीटोला, लक्ष्मणपुर बाथे, शंकरबिगहा जैसे छह से अधिक नरसंहारों में 155 दलित मारे गए थे लेकिन जब से बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार बनी है दलितों का एक भी सामूहिक नरसंहार नहीं हुआ है।