UPSC चेयरमैन मनोज सोनी का कार्यकाल अभी पांच साल बचा था, लेकिन उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया है। कांग्रेस ने सोनी का संबंध प्रधानमंत्री मोदी तथा गुजरात से जोड़ा, जिसके बाद हंगामा हो गया। इस बीच एनटीए के चेयरमैन पर कार्रवाई की मांग भी तेज हो गई है।
कांग्रेस प्रवक्ता और सांसद जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री ने गुजरात के अपने पसंदीदा को UPSC का पहले सदस्य बनाया। 2017 में सदस्य बनाया और फिर 2023 में छह साल के लिए चेयरमैन बना दिया। लेकिन इस तथाकथित बुद्धिजीवी ने एक साल बाद ही इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि यूपीएससी में पूजा खेडकर जैसे कई मामले हैं। पूरा सिस्टम बर्बाद हो गया है। उन्होंने पूछा कि NTA के चेयरमैन को अब तक क्यों छोड़ रखा गया है।
मालूम हो कि पूजा खेडकर को फर्जी प्रमाणपत्रों के बावजूद सेलेक्ट किया गया। उसके इंटरव्यू में खुद चेयरमैन भी थे। पूजा को इंटरव्यू में 275 में 184 अंक दिए गए। आरोप लगाए जा रहे हैं कि फर्जी ओबीसी, फर्जी आय प्रमामपत्र के आधार पर ईडब्ल्यूएस कोटे में कई लोगों का सेलेक्शन किया गया है। मालूम हो कि यूपीएससी ने पूजा खेडकर और उसके परिजनों पर फर्जी प्रमाणपत्र पेश करने के आरोप में आपराधिक मामला दर्ज कराया है।
वर्ष 2022 में ही द वायर ने एक खबर प्रकाशित की थी, जिसके अनुसार मनोज सोनी ने कहा था कि उनका भाजपा और संघ से निकट का संबंध है। तब राहुल गांधी ने भी उस खबर को शेयर करते हुए कहा था कि यूपीएससी जैसी संस्था को बर्बाद करने का उपाय किया जा रहा है।
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उधर पूजा खेडकर ने कहा कि इंटरव्यू के दौरान यूपीएससी चेयरमैन ने उनकी सराहना की थी। मीडिया में पूछे गए सवाल भी शेयर किए जा रहे हैं। सवाल बहुत आसान और साधारण किस्म के हैं।