क्या कहेंगे अपने राजनेताओं के इस अल्पज्ञान को!  पटना विश्वविद्यालय  शताबदी समारोह में शिरकत कर रहे प्रधानमंत्री की प्रशंसा में कसीदे गढ़ने वाले एक राजनेता ने यहां तक कह डाला कि नरेन्द्र मोदी देश के  प्रथम प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने शताब्दी समारोह में भाग लिया।

विनायक विजेता की रिपोर्ट

 

बिहार की जनता को कभी एनडीए गठबंधन, कभी विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मांग, फिर अप्रत्याशित रुप से भाजपा से अलग होकर महागठबंधन बनाकर सत्ता में आने वाले ऐसे राजनेताओं को क्या यह पता नहीं कि ‘शताब्दी समारोह’ का अर्थ क्या होता है।  किसी संस्था के सौ साल पूरे होने पर मनाया जानेवाला समारोह शताब्दी समारोह कहा जाता है। अगर ऐसे राजनेताओं को शायद यह जानकारी नहीं है कि ‘शताब्दी’ दस या बीस वर्षों में मनायी जाती है तो कोई बात नहीं।

 

बिहार की भोली जनता भी यह जान चुकी है कि प्रधानमंत्री के दौरे पर बिहार सरकार द्वारा करोड़ो रुपये खर्च करने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मांग पर न तो प्रधानमंत्री ने पीयू को केन्द्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देने की घोषणा की न ही मोकामा टाल क्षेत्र की समस्या के समाधान की ही घोषणा की।

 

अपने दौरे पर बिहार सरकार का करोड़ो रुपये का खर्च कर प्रधानमंत्री जी बिहार की लाखों जनता और छात्रों की उम्मीद को वो अपने साथ लेते चले गए। जो पैसा बिहार की जनता की  कमाई और सरकार द्वारा जनता से टैक्स वसूलने का था। प्रधानमंत्री और राष्ट्रयीय राजमार्ग मंत्री नीतीन गडकरी ने जो भी घोषणाएं की वह कोई नई नहीं, बल्कि कुछ योजनाओं को छोड़कर सभी पूर्ववर्ती योजनाएं हैं पर बिहार की जनता को मूर्ख बनाया गया।

 

मृर्ख बनाने की सबसे बड़ा उदाहरण तो यह है कि प्रधानमंत्री के सामने मंच से यह घोषणा की गई कि ‘पटना विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में शामिल होने वाले मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री हैं।’

बिहार की जनता इन अल्पज्ञानी नेताों और प्रधान मंत्री के लच्छेदार और घुमावदार भाषण से ठगा गया.

By Editor


Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home/naukarshahi/public_html/wp-includes/functions.php on line 5427