NDA प्रत्याशी को रौंदने वाला कौन है यह बिहार का अकेला युद्धनायक ?
NDA ने बिहार में महागठबंधन को रौंद डाला और चालीस में से 39 सीटें जीत लीं लेकिन इन सब के बीच कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. जावेद ने NDA प्रत्याशी को किशनगंज में रौंद डाला.
बिहार में गठबंधन के पांच दलों की हत्प्रभ कर देने वाली हार के बरअक्स कांग्रेस के डॉ. मोहम्मद जावेद अकेला युद्धनायक बनके उभरे हैं. आइए जानते हैं कि कैसे जावेद ने यह कमाल कर दिखाया.
नौकरशाही मीडिया
जावेद ने किशनगंज में न सिर्फ मोदी-नीतीश के योद्धा को धूल चाटा दी बल्कि त्रिकोणीय संघर्ष में ओवैसी के शागिर्द के वोट काटने का भी उन पर कोई असर नहीं हुआ. बिहार के चालीस लोकसभा में जावेद एक अकेले प्रत्याशी हैं जिन्होंने मोदी की सुनामी के बावजूद अपनी नैया संसद में पहुंचा दी.
कौन हैं जावेद
किशनगंज से कांग्रेस के चार बार विधायक रहे
पिता मोहम्मद हुसैन आजाद था कांग्रेस के मंत्री
पेशे चिकित्सक जावेद का शिक्षा के क्षेत्र में भी है बड़ा योगदान
जावेद ने 3 लाख साठ हजार के करीब वोट हासिल किये. उनके नजदीकी प्रत्याशी जदयू के महमूद अशरफ को 3लाख 33 हजार वोट मिले. जबकि असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एएमआईएम के उम्मीदवार
अख्तरुल ईमान करीब तीन लाख वोट लेने में कामयाब रहे.
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हालांकि जावेद के लिए यह लड़ाई काफी मुश्किल रही और उन्हें अनेक राउंड में महमूद अशरफ ने घेरा. लेकिन तमाम उठापटक के बावजूद जावेद की जमीनी पकड़ ने उन्हें जीत दिला ही दी.
कौन हैं डॉ. मोहम्मद जावेद
चार बार से किशनगंज विधानसभा का नेतृत्व करने वाले डॉ. जावेद अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव हैं. सन 2000 में पहली बार विधायक चुने जाने के बाद डॉ. जावेद राबड़ी देवी मंत्रिमंडल में मंत्री रह चुके हैं. वह 2005 में भी चुनाव जीते. लेकिन 2005 के नवम्बर में हुए दूसरे चुनाव में हार गये. उसके बाद जावेद 2010 और 2015 में लगातार विधायक चुने गये.
डॉ. जावेद के वालिद मोहम्मद हुसैन आजाद भी अनेक बार विधायक और कांग्रेस सरकार में मंत्री रह चुके हैं.
डॉ. जावेद की छवि
डॉ. जावेद बिहार के उन चुनिंदा नेताओं में से हैं जो फितरी तौर पर नेता कम एक साधारण जीवन जीने वाले ऐसे इंसान हैं जिनके दरवाजे अवाम के लिए हमेशा खुले रहते हैं. आम लोगों से मिलना. उनके दुख-सुख में शामिल होना ये सब ऐसी खूबियां हैं जो जावेद को खासा पुपलर बनाती है. पेश से डॉक्टर और एमबीबीएस डिग्री धारी डॉ. जावेद राजनीति के लिए शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में भी अपने सामाजिक व शैक्षिक संगठन से काम करते हैं.
AICC का सचिव नियुक्त होने पर डा. जावेद का हुआ शानदार स्वागत
ऐसे समय में जब बिहार में कांग्रेस समेत महागठबंधन के दल राजद, हम, रालोसपा व वीआईपी का सूपड़ा साफ हो गया है, डॉ. जावेद के ऊपर संसद में बहुत बड़ी जिम्मेदारियां आ गयी हैं. वह बिहार से एक मात्र विपक्षी सांसद हैं जिनके ऊपर बिहार की समस्याओं को उठाने की जिम्मेदारी है. दूसरी तरफ कांग्रेस के लिए संसद में वह अकेले उम्मद की किरण बन के उभरे हैं. ऐसे में यह कयास लगाया जा रहा है कि जावेद को और भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां कांग्रेस डाल सकती है.