राहुल गांधी ने आज यह स्पष्ट करने के बाद कि वह कांग्रेस अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा किसी भी हालत में वापस नहीं लेंगे, अपने हैंडल टि्वटर में परिचय कालम से अध्यक्ष पद हटा दिया । उन्होंने अपने परिचय में अब अध्यक्ष पद की जगह ‘कांग्रेस सदस्य’ तथा ‘सांसद’ लिखा है।
इस बीच सूत्रों के अनुसार श्री गांधी के इस्तीफे पर अड़े रहने के मद्देनजर पार्टी में नये अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए गतिविधियां तेज हो गयी हैं और वरिष्ठ नेता एवं कार्यसमिति के सदस्य मोती लाल वोरा को अंतरिम अध्यक्ष बनाया जा सकता है।
सूत्रों का कहना है कि अध्यक्ष पद के लिए पूर्व केन्द्रीय मंत्रियों सुशील कुमार शिंदे तथा मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम पर विचार किया जा सकता है।
श्री गांधी ने गत 25 मई को कांग्रेस की सर्वोच्च नीति नियामक इकाई कार्य समिति की बैठक में लोकसभा चुनाव की हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया था और कार्य समिति से नया अध्यक्ष चुनने को कहा था। कार्य समिति ने उनके इस्तीफे की पेशकश को अस्वीकार करते हुए उनसे पार्टी संगठन में आमूल चूल परिवर्तन करने का अनुरोध किया था। इसके बाद पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने श्री गांधी से इस्तीफे पर जोर नहीं देने का लगातार अनुरोध किया। पार्टी के करीब 150 पदाधिकारियों ने विभिन्न पदों से इस्तीफे भी दिए। गत सोमवार को कांग्रेस शासित सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियोंं ने उनसे एक साथ मुलाकात कर पद पर बने रहने का अनुरोध किया था लेकिन वह अपने इस्तीफे पर अड़े रहे।
इससे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पद से इस्तीफा देने के बाद करीब सवा महीने चली अटकलो को विराम देते हुए बुधवार को स्पष्ट किया कि वह इस्तीफा दे चुके हैं इसलिए पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारक संस्था कार्य समिति जल्द से जल्द अपना नया अध्यक्ष चुने।
श्री गांधी ने जारी एक पत्र में कहा कि 2019 के चुनाव में कांग्रेस की हार की जिम्मेदारी लेते हुए वह पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं। वह अब कांग्रेस अध्यक्ष नहीं हैं इसलिए कार्य समिति को तुरंत बैठक बुलाकर अपने नये अध्यक्ष का चुनाव करना चाहिए और वह इस प्रक्रिया में पार्टी का पूरा सहयोग करेंगे।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी को फिर से मजबूत आधार देने की जरूरत है और इसके लिए कड़े फैसले लेना आवश्यक है। पार्टी को मजबूत आधार मिले इसके लिए जिम्मेदारी तय होना आवश्यक है और इसी क्रम में उन्होंने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है।
उन्होंने कहा कि पार्टी की हार के लिए सिर्फ वही नहीं बल्कि अन्य लोग भी जिम्मेदार हैं। खुद के लिए भी जिम्मेदारी तय करना आवश्यक है। इसी एहसास के मद्देनजर उन्होंने पार्टी की हार की जिम्मेदारी ली और पद से इस्तीफा देने की पेशकश की है। उन्होंने कहा कि हार के लिए सिर्फ दूसरों को जिम्मेदार ठहराना उचित नहीं है बल्कि इसके लिए खुद की जिम्मेदारी लेना भी आवश्यक है।